किन्नौर:हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर की ऊंची पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गई (Snowfall in kinnaur) हैं. जिससे जिले में तापमान में गिरावट आई (Kinnaur temperature drops) है. तापमान शून्य से कम हो गया है. यही नहीं बर्फबारी का असर पूरे हिमाचल पर पड़ा है. प्रदेश में अचानक सर्दी बढ़ गई है. वहीं, जिला किन्नौर के निचले इलाकों में बारिश का दौर जारी है.
नाको झील का इतिहास हजारों साल पुराना:वहीं, जिला किन्नौर की हांगरंग घाटी के सबसे ऊंचे गांव नाको के मध्य स्थित प्राकृतिक झील का जलस्तर भी काफी कम हो गया है. नाको झील का इतिहास हजारों वर्ष पुराना (Nako Lake History) है. माना जाता है कि इस झील का जलस्तर कम होने का मतलब जिले में बर्फबारी का दौर शुरू होना है. स्थानीय लोग मानते हैं कि नाको झील का जलस्तर कम होने का अर्थ सर्दी की शुरुआत होना है.
आसपास के गांव का दर्पण है नाको झील:नाको झील के आसपास के गांव में लोग सर्दी बढ़ते ही घर के अंदर रहने को मजबूर हो जाते हैं. बता दें कि इस पवित्र झील का पानी इतना साफ है कि इसे नाको गांव का दर्पण भी माना जाता है. वहीं, नाको झील में ठंड बढ़ने से इन दिनों पर्यटकों की संख्या भी कम हुई (Snowfall on the high hills of Kinnaur) है. अक्टूबर के बाद झील पूरी तरह से जमने लगती है.