कुल्लूः हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस की स्वर्ण जयंती के अवसर पर लाहौल में पहली बार स्नो फेस्टिवल आयोजित किया जाएगा. पर्यटन विकास के लिए और लाहौल-स्पीति के जनजातीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और पारंपरिक वेशभूषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह आयोजन होगा.
इसको लेकर जिला में गुरूवार को उपायुक्त पंकज राय की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग खुलने से लाहौल में पर्यटन के विकसित होने की अपार संभावनाएं हैं. लाहौल को एक विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, जनजातीय कला, संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह शुरूआत करने निर्णय लिया गया है.
स्नो फेस्टिवल उत्सव का होगा आयोजित
इससे लाहौल घाटी में बर्फ से जुड़ी साहसिक खेलों, लुप्त हो रही पारंपरिक खेलों व संस्कृति के संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा. सात दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को जिले के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाएगा.
उत्सव के नाम के लिए मांगे सुझाव
इसमें प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए. इसमें पारंपरिक खेलों जैसे तीरंदाजी, छोलोय स्नो क्राफ्ट, स्कीइंग, पारंपरिक कला-संस्कृति, वेशभूषा, सभी घाटियों के स्थानीय खानपान जैसे सत्तू, चिलड़ा, टीमों आदि का समावेश रहेगा. सभी घाटियों के विशिष्टताओं के आधार पर कार्यक्रम होगा. उन्होंने कहा कि इस उत्सव को क्या नाम दिया जाए, इसके लिए लोगों से सुझाव देने का आग्रह किया गया है. इस दौरान सहायक आयुक्त राजेश भंडारी, एपीओ आईटीडीपी अरुण शर्मा आदि मौजूद रहे.
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