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लाहौल स्पीति में स्नो फेस्टवल की धूम, डॉ. रामलाल मारकंडा ने उदयपुर में किया शुभारंभ - कल्चरल क्लब उदयपुर

केलांग में स्नो फेस्टिवल की शुरुआत की गई और दूसरे चरण में उदयपुर में भी स्नो फेस्टिवल मनाया गया. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मृकुला माता मंदिर में पूजा-पाठ कर उदयपुर में स्नो फेस्टिवल का शुभारंभ किया.

Snow festival in Lahaul
उदयपुर में स्नो फेस्टिवल

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Published : Jan 28, 2021, 5:26 PM IST

लाहौल स्पीति:जिला लाहौल स्पीति की लाहौल घाटी में इन दिनों स्नो फेस्टिवल की धूम मची हुई है. केलांग में स्नो फेस्टिवल की शुरुआत की गई और दूसरे चरण में उदयपुर में भी स्नो फेस्टिवल मनाया गया. लाहौल घाटी में पहली बार आयोजित स्नो फेस्टिवल को लेकर लोगों में उत्साह रहा.

डॉ. रामलाल मारकंडा ने उदयपुर में किया शुभारंभ

इस कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा भी शामिल हुए. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मृकुला माता मंदिर में पूजा-पाठ कर उदयपुर में स्नो फेस्टिवल का शुभारंभ किया. इसके बाद मंदिर परिसर से स्कूल प्रांगण तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई.

वीडियो.

पारंपरिक लोकनृत्य बने आकर्षण का केंद्र

फेस्टिवल में प्राचीन एवं पारंपरिक लोकनृत्य के साथ ही शैंणी, घुरे, सुगली और होंलू भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे. लाहौल घाटी में पहली बार आयोजित स्नो फेस्टिवल को लेकर लोगों में उत्साह रहा. जिला प्रशासन ने स्नो फेस्टिवल के सफल आयोजन को लेकर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है.

सांस्कृतिक क्लब उदयपुर ने दी शानदार प्रस्तुति

मृकुला आर्ट एवं कल्चरल क्लब उदयपुर के प्रधान शमशेर सिंह झेग ने कहा कि स्नो फेस्टिवल में प्राचीन एवं पारंपरिक लोकनृत्य के साथ रावमापा उदयपुर, महिला मंडल त्रिलोकनाथ, उदयपुर, सलग्रां, हिंसा, शकोली, पिमल, चारू, मशादी, अड़त, वरदंग, रतोली, मिकुलज कला एवं सांस्कृतिक क्लब उदयपुर ने शानदार प्रस्तुति दी.

फेस्टिवल में हस्तशिल्प की वस्तुओं की प्रदर्शनी

फेस्टिवल में हस्तशिल्प की वस्तुओं की प्रदर्शनी में ढन्नू, छोजोम, कोठड़ी, लोड, नइर, रछ, कोई, कोलमो, कुवद भी लोगों को देखने को मिले. उन्होंने कहा कि 28 जनवरी की शाम 7 बजे से 10 बजे तक मृकुला देवी प्रांगण में हालड़ा नृत्य और 29 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मठी खोगल कार्यक्रम होंगे. उपायुक्त लाहौल-स्पीति पंकज राय ने फेस्टिवल शुरू करने पर जनता की सराहना की. वहीं, डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि संस्कृति व धरोहरों को संजोए रखना जरूरी है. जोवरंग गांव में मनाए जाने वाले योर त्योहार को भी प्रमोट किया जाएगा.

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