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Shrikhand Mahadev Yatra 2022: बम-बम भोले के जयकारों के साथ श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू - हिमाचल की हिंदी खबरें

देश की दुर्गम धार्मिक यात्राओं में शामिल श्रीखंड महादेव यात्रा ((Shrikhand Mahadev Yatra 2022) ) भगवान शंकर (Lord Shankar) के जयकारों के साथ शुरू हो गई. यात्रा को लेकर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम का दावा किया है. वहीं, 24 जुलाई तक चलने वाली इस यात्रा को लेकर 4 सेक्टरों में बांटा गया है.

Shrikhand Mahadev Yatra 2022
Shrikhand Mahadev Yatra 2022

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Published : Jul 11, 2022, 12:19 PM IST

कुल्लू:उपमंडल आनी के निरमंड में श्रीखंड महादेव यात्रा (Shrikhand Mahadev Yatra 2022) के लिए सोमवार को पहला जत्था रवाना हो गया. सभी यात्रियों के मेडिकल चेकअप के बाद यात्रा की अनुमति दी गई. यह यात्रा 24 जुलाई तक जारी रहेगी. जगह-जगह प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम किए हैं, ताकि उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

130 कर्मचारी रहेंगे तैनात: एसडीएम मनमोहन सिंह ने बताया कि आज से शुरू हुई 32 किलोमीटर की पैदल श्रीखंड महादेव यात्रा को लेकर क्षेत्र को 4 सेक्टरों में बांटा गया, इसमें करीब 130 कर्मचारियों की रेस्क्यू टीम सहित तैनाती रहेगी. SDM ने कहा कि नैन सरोवर (Nain Sarovar in himachal) से ऊपर 3-4 ग्लेशियर बताए गए, बाकी खतरनाक रास्तों को ठीक किया गया है.

14 घंटे होगा पंजीकरण:पहले बेस कैंप सिंघगाड में करीब 40 कर्मचारी तैनात होंगे, जिसमें प्रतिदिन सुबह 5 से रात 7 बजे तक श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया जाएगा. शाम 4 बजे तक ही श्रद्धालुओं के जत्थे यात्रा के लिए रवाना किए जाएंगे. शाम 4 बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को बेस कैंप सिंघगाड से जाने की अनुमति नहीं होगी. सिंघगाड में सभी श्रद्धालुओं का मेडिकल चेकअप किया जाएगा. फिटनेस वाले श्रद्धालुओं को ही यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी.

सेक्टर मजिस्ट्रेट रहेंगे तैनात:दूसरे बेस कैंप थाचडू में मेडिकल, रेस्क्यू दल, पुलिस, राजस्व, सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित करीब 20 लोग तैनात रहेंगे. यहां पर आपात सेवाओं के अलावा श्रीखंड जा रहे सभी यात्रियों की जांच की जाएगी. बिना पंजीकरण या चोरी से छिपकर जा रहे यात्रियों को यहां से वापस भेजा जाएगा. वहीं, तीसरे बेस कैंप कुनशा में 20 कर्मचारियों की टीम तैनात रहेगी.

दोपहर 12 बजे बाद नहीं होगी यात्रा:यहां श्रद्धालुओं को रेस्क्यू व्यवस्था, कानून और आपात सेवाएं मिलेगी. इस बेस कैंप में तैनात कर्मचारी मौसम के अनुकूल श्रद्धालुओं को आगे भेजने या रोकने के निर्णय लेने में सक्षम रहेंगे. इसी तरह चौथे बेस कैंप भीमडवारी में भी 20 लोग तैनात रहेंगे, जो आपात स्थिति से निपटने में हर समय तैयार रहेंगे. पांचवें बेसकैंप पार्वती बाग में करीब 28 लोगों की टीम रहेगी. इसमें रेस्क्यू टीम के 16, पुलिस के 4 जवान, राजस्व के 3 और सेक्टर मजिस्ट्रेट शामिल रहेंगे, पार्वती बाग से ऊपर कोई भी श्रद्धालु दोपहर 12 बजे के बाद यात्रा नहीं कर सकेगा.

41 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत: वर्ष 2011 से अब तक श्रीखंड यात्रा पर 41 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. 18570 फीट की उंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन को हर वर्ष हजारों श्रद्धालु देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचते हैं. वहीं, साल 2021 में दिल्ली के 6 युवक यात्रा से पूर्व बिना अनुमति के श्रीखंड महादेव गए थे. इन युवकों पर पुलिस ने 4 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. पुलिस ने यह कार्रवाई उपायुक्त कुल्लू के श्रीखंड महादेव यात्रा पर रोक के आदेश का उल्लंघन करने पर की थी.

भगवान शिव का साक्षात वास:जिला कुल्लू के निरमंड में करीब 72 फीट ऊंचे इस शिवलिंग के दर्शन के लिए हर वर्ष देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. 32 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा में बर्फीले और जड़ी-बूटियों से लकदक पहाड़ अलग ही अनुभूति कराते है. धार्मिक पर्यटन के साथ इस यात्रा पर रोमांच की भी अनुभूति होती है. यह यात्रा 4 से 5 दिन में पूरी होती है. मान्यता है कि यहां भगवान शिव का साक्षात वास है. श्रीखंड समुद्रतल से 18,570 फीट की ऊंचाई पर है.

पैदल ही होती यात्रा:यहां घोड़े-खच्चर व पालकी की व्यवस्था नहीं होती. पैदल ही यात्रा करनी होती है. श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए हर श्रद्धालु का पंजीकरण अनिवार्य है. यदि कोई बिना पंजीकरण के जाता है तो वह तमाम सुविधाओं से वंचित रहेगा.पकड़े जाने पर मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है.

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