कुल्लू: जिला की सैंज घाटी की दुर्गम पंचायत शुगाड, शाकटी, मरोड़ और मझान में सिग्नल ना होने की वजह से बच्चों को ऑनलाइन स्टडी करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए ऊंची पहाड़ी पर चढ़ना पड़ रहा है और सड़क सुविधा ना होने के चलते ग्रामीण भी काफी परेशान हैं. ऐसे में प्रशासन को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए संघर्ष समिति के कार्यकर्ता उपायुक्त ऋचा वर्मा से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
बता दें कि कोरोना संकट काल के दौरान लोगों के जीवन में बहुत से बदलाव हुए हैं, तो वहीं, शिक्षा के स्तर में भी बदलाव हुआ. जिसके चलते छात्र किताबों से निकलकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के ऐसे बहुत से गांव हैं, जहां सिग्नल ना होने के चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सैंज संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि आज अपनी समस्या से डीसी को अवगत कराया गया है और ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द गांव में टावर लगवाने की अपील की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार को टेलीकॉम कंपनियों के माध्यम से क्षेत्र में टावर लगवाना चाहिए, बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सके और उनका भविष्य खराब ना हो.
सैंज संघर्ष समिति के सलाहकार नारायण सिंह चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा ऑनलाइन शिक्षा का कॉन्सेप्ट चलाया गया है, लेकिन सैंज घाटी के कई गांवों में सिग्नल ना होने के चलते बच्चों को पहाड़ी पर जाकर शिक्षा लेनी पड़ रही है. वहीं, सड़क सुविधा ना होने से बच्चे कच्चे रास्ते से होकर बच्चे पहाड़ी पर जाते हैं, जिससे हमेशा कोई अनहोनी होने का खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त से मिलकर टेलीकॉम कंपनियों द्वारा वहां टावर लगाने के मांग की है.
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