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सैंज खड्ड का जलस्तर बढ़ने से खौफ में लोग, सताने लगा साल 2004 जैसी बाढ़ का डर

किली-री-परेशी पहाड़ी खिसकने से सैंज खड्ड में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. लोगों को डर है कि अगर यह पहाड़ी खिसकी तो खड्ड का बहाव रोक देगी और बाद में खड्ड में बाढ़ आने से सब तबाह हो जाएगा.

कुल्लू सैंज घाटी

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Published : Aug 23, 2019, 11:20 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की सैंज घाटी में सैंज खड्ड का जलस्तर बढ़ते ही स्थानीय लोग खौफजदा हो गए हैं. दरअसल घाटी के लोग 2004 में बाढ़ के दिए जख्मों को अभी तक भूल नहीं पाए हैं. बता दें कि इस बाढ़ ने पूरे सिउंड बाजार को नक्शे से ही गायब कर दिया था और सैंज बाजार में भी भारी नुकसान होने से लोग आज भी बाढ़ के नाम से खौफ खाते हैं.

हालांकि, अब सैंज खड्ड पर बिजली परियोजनाओं के दो डैम बने हैं और पानी का बहाव टनल के भीतर मोड़ा गया है. इसके बावजूद बरसात में डैम से पानी छोड़ने पर लोग कांप उठते हैं. निहारनी डैम के आगे किली-री-परेशी की पहाड़ी खिसकने से बाढ़ का खतरा अब भी बरकरार है.

भारी बारिश के दौरान निहारनी बांध से पानी छोड़ा गया तो इस पहाड़ी से भूस्खलन होना शुरू हो गया. संभावित खतरे को देख न्यूली गांव के लोगों ने अपना समान समेटना शुरू कर दिया. लंबे समय से किली-री-परेशी में भूस्खलन को रोकने की मांग उठती रही है, लेकिन कोई समाधान न होने से लोग निराश हैं.

गाड़ापारली पंचायत के प्रधान भाग चंद, शैंशर के प्रधान नरेश कुमार, शांघड़ की प्रधान सवित्रा देवी, देहुरीधार पंचायत के उप प्रधान भगत राम और पंचायत समिति सदस्य जयवंती देवी ने कहा कि किली-री-परेशी में भूस्खलन होने से खड्ड का जलस्तर बढ़ रहा है.

वहीं, डैम से पानी छोड़ने से हाल ही में न्यूली में दो दुकानें, एक पुल और कई घराट बह गए. इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम बंजार एमआर भारद्वाज का कहना है कि मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया जाएगा. साथ ही, भूस्खलन रोकने के उचित प्रबंध किए जाएंगे.

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