कुल्लू:क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में जिला के अलावा लाहौल-स्पिति, पांगी व मंडी के क्षेत्रों से लोग उपचार के लिए आते हैं और ये अस्पताल उपचार सुविधा व गुणवत्ता के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल कर चुका है. अस्पताल को पूरी तरह से वातानुकूलित करने के प्रयास किए जाएंगे. ये जानकारी बुधवार को अस्पताल के सभागार में आयोजित रोगी कल्याण समिति की वार्षिक बैठक के दौरान दी गई.
सुंदर सिंह ठाकुर ने सभी वार्डों को वातानुकूलित बनाने की कही बात
विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने अस्पताल प्रशासन को सभी वार्डों को वातानुकूलित बनाने के लिए विधायक निधि से भी धनराशि उपलब्ध करवाने की बात कही है. बैठक में अवगत करवाया गया कि चार मुख्य वार्डों में ये सुविधा प्रदान करवा दी गई है. साथ ही कोविड-19 के सभी वार्डों में हीटिंग, ब्लोअर व गर्म पानी की बोतलें उपलब्ध करवाई गई हैं, जिससे सर्दियों के दौरान किसी भी मरीज को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई है.
जीवन रक्षक दवाईयों पर दिया गया विशेष बल
शासी निकाय के कुछ गैर सरकारी सदस्यों ने अस्पताल में उपलब्ध करवाई जा रही जेनेरिक दवाईयों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता व लोगों में इनका व्यापक प्रचार करने की आवश्यकता पर बल दिया है. सदस्य सचिव डाॅ. सुशील चंद्र ने अवगत करवाया कि अस्पताल में लोगों को हर प्रकार की जेनेरिक दवाईयां निशुल्क मुहैया करवाई जा रही हैं. साथ ही आयुष्मान व हिम केयर योजना के मरीजों को भी मुफ्त में दवाईयां प्रदान की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि सूचना, शिक्षा व संप्रेषण कार्यक्रम के तहत दवाओं का गांव में प्रचार किया जा रहा है.
उपचार सेवाओं पर खर्च किए 59 लाख
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुशील चंद्र ने अवगत करवाया कि पिछले साल अस्पताल भवन की मरम्मत पर 2.50 लाख रुपये की राशि व्यय की गई और इसमें विशेष तौर पर शौचालयों की उपलब्धता मरीजों के लिए की गई है. उपकरणों पर 5.78 लाख रुपये की राशि खर्च की गई है. साथ ही अस्पताल के वार्डों को गर्म रखने और गर्मियों में ठंडा रखने की व्यवस्था प्रदान करने पर 6.26 लाख रुपये की राशि व्यय की गई है. वहीं, आरकेएस स्टाॅफ के वेतन व दिहाड़ी पर 11.30 लाख रुपये और अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं को हायर करने के लिए पांच लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा कार्यालय व्यय पर 6.60 लाख रुपये , एम्बुलेंस में डिजल व मरम्मत पर 15.55 लाख रुपये, डायग्नोसिस सेवाओं पर 58.50 लाख की राशि खर्च की गई है.
सरकारी अस्पतालों में सात अल्ट्रासाउंड मशीनें
बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला अस्पताल में दो अल्ट्रासाउंड मशीनें उपलब्ध हैं और दो ही रेडियोलाॅजिस्ट भी हैं, जो लोगों को नियमित तौर पर ये सुविधा प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा मनाली, जरी, बंजार, निरमंड व आनी के अस्पतालों में भी मशीनें स्थापित की गई हैं, लेकिन मनाली, जरी में रेडियोलाॅजिस्ट ना होने के कारण लोगों को ये सुविधा नहीं मिल पा रही है.