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बर्फबारी के बीच कल्पा गांव में रातेंन मेले का आयोजन, ग्रामीणों ने देवी-देवताओं से की ये कामना - रातेंन मेले का आयोजन

किन्नौर के कल्पा गांव में (Fair in Kalpa Village) वीरवार को भारी बर्फबारी (Snowfall in kinnaur) के मध्य भी ग्रामीणों ने अपने पारम्परिक मेला रातेंन जो तीन वर्ष में एक बार मनाया जाता है को बड़े धूमधाम से मनाया. मान्यताओं के अनुसार पिछले दिनों स्थानीय देवी देवता स्वर्ग लोक की और गए थे. ऐसे में अब धरती लोक वापसी के बाद इस खास मेला जो तीन वर्ष में एक बार मनाया जाता है. इस मेले में स्थानीय देवता विष्णु नारायण के रथ मंदिर प्रांगण में निकलते हैं और सभी ग्रामीण देवता से आशीर्वाद लेते हैं.

Raten fair organized in Kalpa village
कल्पा गांव में रातेंन मेले का आयोजन

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Published : Feb 3, 2022, 8:59 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर के कल्पा गांव में (Fair in Kalpa Village) वीरवार को भारी बर्फबारी (Snowfall in kinnaur) के मध्य भी ग्रामीणों ने अपने पारम्परिक मेला रातेंन जो तीन वर्ष में एक बार मनाया जाता है को बड़े धूमधाम से मनाया. भारी बर्फबारी के बीच स्थानीय देवता विष्णु, नारायण ने मंदिर प्रांगण में निकलकर ग्रामीणों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

मान्यताओं के अनुसार पिछले दिनों स्थानीय देवी देवता स्वर्ग लोक की और गए थे. ऐसे में अब धरती लोक वापसी के बाद इस खास मेला जो तीन वर्ष में एक बार मनाया जाता है. इस मेले में स्थानीय देवता विष्णु नारायण के रथ मंदिर प्रांगण में निकलते हैं और सभी ग्रामीण देवता से आशीर्वाद लेते हैं.

गौर रहे कि जिला किन्नौर के कल्पा गांव के स्थानीय ग्रामीण आज रातेंन मेले में पारम्परिक वेशभूषा पहनकर मंदिर प्रांगण में आते हैं और अपने गांव से बाहर स्कूल, कॉलेज पढ़ने वाले बच्चों की नौकरी, अच्छी पढ़ाई के लिए देवता से कामना करते हैं. इसके अलावा मंदिर में देवता के करदार देवता से वर्षभर गांव में अच्छी फसल व सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

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बता दें कि आज तीन वर्ष में एक बार मनाए जाने वाले रातेंन मेले का अंतिम दिन है. इससे पूर्व जब तक स्थानीय देवी देवता स्वर्गलोक में थे तो ग्रामीण न ही खेतों में काम कर सकते थे न ही गांव में शोर शराबा कर सकते थे और अंधेरा होने से पूर्व ही घर प्रवेश करना पड़ता था. जिसे स्थानीय बोली में अलीलांग कहा जाता है, लेकिन जैसे ही स्थानीय देवी देवता धरती लोक आकर रथ के रूप में ग्रामीणों के समक्ष दर्शन देते हैं उसके बाद खेतों के साथ घर के काम दोबारा शुरू होते हैं.

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