कुल्लूः हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है. पक्षियों में फ्लू के मामले सामने आते ही पशुपालन विभाग ने इससे निपटने की तैयारी कर ली है. पशुपालन विभाग ने कुल्लू जिले के पांचों खंडों में एक-एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित की है.
क्यूआरटी टीम भी गठित
जिले के हर पशु चिकित्सालय में क्यूआरटी टीम भी तैनात कर दी गई, जो आरआरटी के साथ मिलकर बर्ड फ्लू से निपटने में काम करेंगी. हालांकि जिला कुल्लू में बर्ड फ्लू के मामले अभी सामने नहीं आए हैं. इसके बावजूद पशुपालन विभाग ने वाइल्ड लाइफ विभाग से संपर्क कर पक्षियों की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है.
'एहतियाती कदम उठाए गए'
पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में नवंबर से मार्च महीने तक मुर्गी पालकों को विभिन्न प्रजातियों के चूजे वितरित नहीं किए जाते हैं. इससे जिले में फ्लू का खतरा बढ़ने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है, लेकिन पौंग झील में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं.
पक्षियों की स्थिति की ली जा रही अपडेट
उधर, पशुपालन विभाग कुल्लू के उपनिदेशक डॉ. संजीव नड्डा ने कहा कि विभाग बर्ड फ्लू से निपटने को तैयार हैं. जिले में खंड स्तर पर पांच रैपिड रिस्पांस टीमें और हर अस्पताल में क्यूआटी टीम बनाई गई है. वाइल्ड लाइफ विभाग से भी लगातार पक्षियों में फ्लू की स्थिति की रिपोर्ट ली जा रही है. गौर रहे कि पशुपालन विभाग की टीम प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर विशेष रूप से तैनात की गई है और बाहरी राज्यों से आने वाले मुर्गियों की जांच कर ही उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.
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