कुल्लू: जिला कुल्लू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय दशहरे का मुख्य आकर्षण अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. देवता के अस्थाई शिविर में सुबह से शाम तक घाटी के आराध्य देव अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं. भगवान रघुनाथ जी के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सहित सैकड़ों श्रद्धालु पूजा में भाग ले रहे हैं.
सैकड़ों देवी देवताओं की उपस्थिति से 'देवलोक' बना ढालपुर, भगवान रघुनाथ की हुई विशेष पूजा - रघुनाथ महाराज
जिला कुल्लू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय दशहरे में रोजाना सुबह के समय भगवान रघुनाथ की पूजा के बाद उनका भव्य श्रृंगार किया जा रहा है. इसके बाद सीता हनुमान सहित नरसिंह की भी विधिवत तरीके से पूजा होती है. देवी-देवताओं के मिलन को सैलानी भी अपने कैमरो में कैद कर रहे हैं.
बता दें कि रोजाना सुबह के समय भगवान रघुनाथ की पूजा के बाद उनका भव्य श्रृंगार किया जा रहा है. इसके बाद सीता हनुमान सहित नरसिंह की भी विधिवत तरीके से पूजा होती है. देवी-देवताओं के मिलन को सैलानी भी अपने कैमरो में कैद कर रहे हैं. बता दें कि कार्यक्रम के दौरान भक्तों के लिए भंडारे की भी व्यवस्था की जा रही है. वहीं, शाम के समय महिलाएं भजन-कीर्तन कर रघुनाथ जी के अस्थाई शिविर में कर रही हैं.
कुल्लू दशहरा में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले भगवान रघुनाथ को हर दिन नए-नए वस्त्र और आभूषण पहनाए जाते हैं. अनूठी परंपरा व देव संस्कृति का गढ़ माने जाने वाला विश्व प्रसिद्ध कुल्लू दशहरा में रघुनाथ महाराज का विशेष महत्व है. पहले दिन अपने स्थायी मंदिर रघुनाथपुर से ढालपुर मैदान के अस्थायी कैंप में विराजमान रघुनाथ जी की प्रतिमा का हर दिन स्नान होता है और बेशकीमती रंगबिरंगे आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है.