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रिकांगपिओ में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, लेकिन प्रशासन को नहीं पड़ता कोई फर्क - हिमाचल प्रदेश न्यूज

जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ 90 के दशक के बाद देश प्रदेश में लोगों की जुबान पर आया और रिकांगपिओ बाजार में 90 के दशक के बाद विकसित होने लगा. इससे पूर्व यह एक छोटा सा कस्बा था जहां केवल आठ से दस छोटी दुकानें होती थी, लेकिन आज रिकांगपिओ बाजार का क्षेत्र काफी बड़ा हो चुका है और जिला के सभी बड़े कार्यालय भी यहां मौजूद हैं. बाजार बड़ा हुआ तो समस्याएं भी बढ़ी और आज हाल ऐसे हैं कि यहां अव्यव्थाओं का अंबार है.

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Published : Aug 13, 2021, 1:01 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 1:52 PM IST

किन्नौर:देश व प्रदेश में हर जिले का एक मुख्यालय होता है जहां जिला के जिलाधीश, चिकित्सालय, विभिन्न कार्यालय, व्यापारी, शिक्षण संस्थान से लेकर राजनीति के विशेषज्ञ, हर तबके का व्यक्ति आपको मिलेगा. ऐसे में सरकारें भी देश प्रदेश के जिला मुख्यालयों के सौंदर्यीकरण, व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देता है, लेकिन आज आपको देश के अंतिम छोर जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ के हालातों से भी रूबरू करवाते हैं.

जो बीते कई वर्षों से अपने बुरे हालातों को दर्शाता दिख रहा है. जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में सभी बड़े अधिकारी, राजनेता, चिकित्सक, बड़े-बड़े व्यापारी से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के लोग रहते हैं और बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक भी एक बार रिकांगपिओ के नाम सुनकर इस स्थान को देखने जरूर आते हैं, लेकिन जब कोई यहां पहुंचता है तो कई बार मायूस होकर वापस लौट जाता है.

चारों ओर बर्फ की पहाड़ियों से ढके रिकांगपिओ शहर को कई वर्षों से गंदगी, बाजार की अव्यवस्था, शहर के इर्द गिर्द बने बिना प्लानिंग के भवन, तंग गलियां, कच्चे मार्ग, गंदी नालियां, बस ठहराव की अच्छी व्यवस्था का न होना, पर्यटकों के ठहराव के लिए कोई अच्छा स्थान न होना, वाहनों की पार्किंग की अव्यवस्था, बाजार के शौचालयों की हालत खस्ता, पब्लिक टैब में पानी नहीं, बाजार में फुटपाथ का टूटा होना, मानो शायद इसी शहर में असुविधाओं का अंबार हो.

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जिला किन्नौर का मुख्यालय रिकांगपिओ 90 के दशक के बाद देश प्रदेश में लोगों की जुबान पर आया और रिकांगपिओ बाजार में 90 के दशक के बाद विकसित होने लगा. इससे पूर्व यह एक छोटा सा कस्बा था जहां केवल आठ से दस छोटी दुकानें होती थी, लेकिन आज रिकांगपिओ बाजार का क्षेत्र काफी बड़ा हो चुका है और जिला के सभी बड़े कार्यालय भी यहां मौजूद हैं.

पर्यटक भी गूगल पर जिला प्रवेश से पूर्व रिकांगपिओ को अवश्य सर्च करते हैं और यहां आने की इच्छा प्रकट करते हैं, क्योंकि रिकांगपिओ जिला का एक ऐसा बाजार है जहां जिला के हर तबके का व्यक्ति खरीददारी के साथ सरकारी कार्यों से रिकांगपिओ आते हैं, लेकिन आज इस बाजार की हालत काफी खराब हो चुकी है.

रिकांगपिओ बाजार में कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि पूरा बाजार गंदी नालियों से निकले पानी के तालाब में समा जाता है. बाजार में ड्रेनेज की सही व्यवस्था नहीं है. बाजार व रिकांगपिओ के स्पेशल एरिया डवलेपमेंट अथॉरिटी के द्वारा डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन की योजना भी फेल होती दिख रही है. लोगों के घर द्वार पर सफाई कर्मी समय पर नहीं पहुंचते जिसके चलते लोग घर के कूड़े को सार्वजनिक स्थलों पर फेंक देते हैं. जिससे रिकांगपिओ क्षेत्र का वतावरण भी गंदा हो रहा है.

वहीं, एसडीएम कल्पा स्वाति डोगरा ने कहा कि जिला के मुख्यालय रिकांगपिओ के सफाई व्यवस्था के सुधारीकरण के लिए प्रशासन काम कर रहा है. इससे पूर्व स्पेशल एरिया डवलेपमेंट अथॉरिटी ने क्षेत्र की सफाई का टेंडर निजी ठेकेदार को दिया था जो किन्ही कारणों से इस काम को छोड़ चुके हैं और अब नए ठेकेदार को इस काम को सौंपा गया है.

एसडीएम कल्पा ने कहा कि जल्द ही रिकांगपिओ क्षेत्र के सफाई व्यवस्था व सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन योजना कर बेहतरीन तरीके से लोगो को व्यवस्थाएं देगा, क्योंकि रिकांगपिओ जिला का मुख्यालय है ऐसे में इसके सौंदर्यीकरण करना प्रशासन की जिम्मेदारी भी है.

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Last Updated : Aug 17, 2021, 1:52 PM IST

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