कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों में जहां सरगर्मियां तेज हो गई है. वहीं, विधानसभा चुनावों में अपना टिकट पक्का करने के लिए दावेदार भी जनता के बीच संपर्क अभियान में जुटे हुए हैं. ऐसे में बार-बार परिवारवाद का मामला चुनाव के साथ ही एंट्री ले लेता है. देशभर में हर पार्टी के सामने परिवारवाद का सवाल खड़ा रहता है और इसी परिवारवाद के सहारे विरोधी हमला भी बोलते हैं. परिवारवाद को लेकर सबसे ज्यादा हमले झेलने वाली पार्टी कांग्रेस है और परिवारवाद के खिलाफ सबसे ज्यादा हमलावर बीजेपी रही है. बीजेपी हमेशा परिवारवाद की खिलाफत करती रही है लेकिन गाहे-बगाहे अपने फैसलों को लेकर उसके दामन पर भी परिवारवाद के छींटे पड़ते रहे हैं और इस बार ये छीटें अपने ही उछाल रहे हैं.
टिकट की चाहत रखने वालों को होगी निराशा:अगर बीजेपी ने परिवारवाद को सिरे से नकार दिया तो कई नेताओं के टिकट की चाहत धरी की धरी रहना तय है. क्योंकि हर सीट पर टिकट के चाहवानों की लिस्ट बहुत लंबी है जिनमें परिवारवाद का झंडा लिए नेता भी शामिल है. चुनाव को लेकर टिकट बंटवारे में भले वक्त हो लेकिन अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर नेता फील्ड में उतर चुके हैं और इनमें टिकट के वो चाहवान भी हैं जो परिवारवाद के सहारे अपनी उपस्थिति जनता के साथ-साथ आलाकमान के सामने भी दर्ज करवाना चाहते हैं. कुल्लू में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार इन दिनों जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं.
दो नेताओं के पुत्र मैदान में:बीजेपी में परिवारवादकी एक झलक कुल्लू जिले में दिखती है.जहां कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह (maheshwar singh) लगातार बूथ स्तर पर जाकर कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क बना रहे हैं और केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों का भी प्रचार कर रहे हैं. इसके अलावा बंजार विधानसभा क्षेत्र में हाशिए पर चल रहे पूर्व मंत्री खीमी राम शर्मा ने भी अपना चुनावी अभियान (khimi ram sharma) तेज कर दिया है. दोनों नेताओं के साथ-साथ उनके बेटे भी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जन संपर्क अभियान चलाकर, चुनावी ताल ठोक रहे हैं.