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कुल्लू-मनाली के पर्यटन को बजट में नहीं मिली जगह, देखिए बजट पर क्या बोले लोग

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अपना वार्षिक बजट (Himachal budget 2022) पेश किया. इस बार के बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए कोई खास घोषणा नहीं की गई है, जिस कारण जिला कुल्लू के लोगों को बजट से निराशा हाथ लगी है. सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर ईटीवी भारत ने कुल्लू की जनता की राह जाननी चाही, जिस पर लोगों के विचार मिले जुले रहे.

People of Kullu
कुल्लू की जनता

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Published : Mar 4, 2022, 8:43 PM IST

कुल्लू:हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अपना वार्षिक बजट (Himachal budget 2022) पेश किया. इस वार्षिक बजट में प्रदेश में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को जहां राहत मिली है, तो वहीं विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं में कार्यरत पार्षदों और प्रधानों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है. लेकिन पर्यटन क्षेत्र (Himachal Budget announcements for tourism) में इस बार कोई खास घोषणा नहीं की गई है, जिस कारण जिला कुल्लू के लोगों को बजट से निराशा हाथ लगी है.

कुल्लू ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मनु शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश किसानी और बागवानी (Himachal Budget announcements for Agriculture) वाला राज्य है, तो वहीं पर्यटन प्रदेश की रीड की हड्डी है. जयराम सरकार के पांचवें वार्षिक बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन सरकार के बजट ने उन्हें निराश किया है. वहीं, ढालपुर के रहने वाले युवा घनश्याम गौतम ने कहा कि इस बार फिर से प्रदेश के बजट में युवाओं को सिर्फ वादों का झुनझुना ही दिया गया है.

बजट पर कुल्लू की जनता.

उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा 30 हजार नौकरियां देने के बाद तो कही गई है, लेकिन यह बात स्पष्ट नहीं की गई है कि युवाओं को क्या आउटसोर्सिंग (Himachal Budget announcements for employees) के माध्यम से नौकरियां दी जाएगी. वहीं, कुल्लू तहसील लंबरदार संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार ने मानदेय में वृद्धि करने पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि डीसी के माध्यम से भी प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा गया था, जिसमें लंबरदारों का मानदेय बढ़ाने की बात कही गई थी. ऐसे में लंबरदारों का मानदेय बढ़ाकर सरकार ने उनके लिए काफी अच्छा काम किया है.

वहीं, उझी घाटी के रहने वाले बागबान अनुराग प्रार्थी ने कहा कि किसानों और बागवानों को बजट से काफी उम्मीदें थी कि कृषि व बागवानी में इस्तेमाल की जाने वाली दवा, बीज और खाद के लिए सब्सिडी जारी की जाएगी, लेकिन एक बार फिर से बजट में किसानों और बागवानों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है. जिससे पता चलता है कि प्रदेश की जयराम सरकार किसान विरोधी है.

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