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काइस पंचायत के लोगों ने SP कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन, प्रशासन पर दुर्व्यवहार करने का आरोप

कुल्लू उपमंडल की ग्राम पंचायत काइस में बीते दिनों एक फौजी कोरोना पॉजिटिव था. वहीं, जिला प्रशासन के की ओर से युवक के पॉजिटिव होने के बावजूद उसे होम आइसोलेट किया गया. ऐसे में पंचायत के लोगों ने आपत्ति जताते हुए युवक को वापस कुल्लू भेज दिया. ग्रामीण पुलिस प्रशासन के रवैए को लेकर काफी नाराज दिखे. इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने काफी देर तक एसपी कार्यालय के बाहर धरना भी दिया.

People of Kais Panchayat protest against Kullu administration
ग्रामीण एसपी कार्यालय बाहर धरना देते हुए

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Published : Aug 19, 2020, 5:04 PM IST

कुल्लूःजिला की काइस ग्राम पंचायत में एक कोरोना पॉजिटिव युवक के मामले को लेकर पंचायत में माहौल गरमा गया. वहीं, एसपी कार्यालय में भी इस मुद्दे को लेकर पंचायत प्रतिनिधि व अन्य ग्रामीण पुलिस प्रशासन के रवैए को लेकर काफी नाराज दिखे. इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने काफी देर तक एसपी कार्यालय के बाहर धरना भी दिया.

कुल्लू उपमंडल की ग्राम पंचायत काइस में बीते दिनों एक फौजी कोरोना पॉजिटिव था. वहीं, जिला प्रशासन के की ओर से युवक के पॉजिटिव होने के बावजूद उसे होम आइसोलेट किया गया. ऐसे में पंचायत के लोगों ने आपत्ति जताते हुए युवक को वापस कुल्लू भेज दिया. जहां अब उसका उपचार किया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

काइस पंचायत की प्रधान यूम नेगी का कहना है कि इस बारे में पुलिस की ओर से बार-बार उनके पति व पूर्व प्रधान परसराम को तंग किया जा रहा है. जब इस मामले को लेकर व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे तो वहां एसपी कुल्लू ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.

उनका कहना है कि पहले युवक ने होम आइसोलेशन की बात कही थी तो उस समय उसे होटल में बैठाया गया. अब जब वह पॉजिटिव पाया गया है तो उसे घर भेजा जा रहा है, जोकि बिल्कुल भी गलत है. प्रधान नेगी का कहना है कि उक्त युवक के घर में बुजुर्ग और छोटे बच्चे हैं. ऐसे में वहां उसका रहना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. जिला प्रशासन को चाहिए कि वे पॉजिटिव लोगों का इलाज कोविड केयर सेंटर में ही करें.

वहीं, एडवोकेट व पंचायत के प्रधान चुनेश्वर ठाकुर का कहना है कि पूर्व प्रधान परसराम को बार-बार पुलिस के की ओर से बुलाए जाने के मुद्दे को लेकर जब वह एसपी से मिलने पहुंचे. तो एसपी कुल्लू ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. साथ ही कार्यालय से बाहर जाने को कहा. जबकि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और जनता की बात रखना उनका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना पॉजिटिव मामलों में दोहरा मापदंड अपना रही है जो बिल्कुल भी सही नहीं है.

बता दें कि इस दौरान ग्रामीणों ने काफी देर तक एसपी कार्यालय के बाहर नारेबाजी भी की. गेट के बाहर बैठकर प्रदर्शन भी किया. हालांकि बाद में स्थानीय विधायक सुंदर सिंह ठाकुर के आने के बाद इस मामले को सुलझा लिया गया और ग्रामीणों ने धरना बंद किया.

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