लाहौल स्पीति: जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के स्पीति घाटी की 13 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने की मांग की है. 13 पंचायत प्रधानों, उप प्रधानों, बीडीसी सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों ने एडीएम काजा के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा है.
पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों को निकाले जाने के निणर्य से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्र स्पीति के सरकारी पाठशाला में गंभीर व विकट समस्याएं पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन के माध्यम से वह मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाना चाहते है.
पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 17 जुलाई 2012 को जनजातीय और अति दुर्गम क्षेत्र में लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने के लिए व बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखने को एसएमसी शिक्षकों की भर्ती की थी. उनका कहना है कि बाहरी क्षेत्र से सर्दियों में माइनस 30 डिग्री के बीच तापमान रहने वाले स्पीति घाटी में कोई भी कर्मचारी सेवाएं देना काला पानी को सजा के सामान समझते है. इन विकट परिस्थितियों में इन एसएमसी शिक्षकों ने ही सेवाएं दी है.
जिला परिषद सदस्यों का कहना है कि स्पीति में सालों से एमएमसी शिक्षक ही स्कूल संभाले हुए हैं. उनका कहना है अधिकतर स्कूल इन शिक्षकों पर ही निर्भर है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे इन शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखे ताकि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो.