कुल्लू: सेना के वाहनों को अब कारगिल के लिए वाया लेह लद्दाख का रुख नहीं करना होगा. अब शिंकुला दर्रे से होते हुए सेना के वाहन कारगिल पहुंच सकेंगे. इससे मनाली और कारगिल के बीच 10 घंटे का समय बचेगा. बीआरओ के द्वारा भारी वाहनों की आवाजाही के लिए अब दारचा-शिंकुला मार्ग को शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि बीआरओ ने ये सड़क बनाकर कारगिल और जांस्कर घाटी को मनाली से साल 2019 में ही जोड़ दिया था लेकिन इस मार्ग पर सिर्फ छोटे वाहनों की ही एंट्री होती थी. अब बीआरओ ने बड़े वाहनों को भी अनुमति दे दी है, अब खासकर सेना के वाहनों को कारगिल पहुंचने के लिए लद्दाख नहीं जाना होगा. ये बीआरओ के लिए एक और उपलब्धि है.
सेना के वाहन अब मनाली-दारचा समुद्रतल से 16580 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रा होकर इस रूट से सरहद की तरफ जा सकेंगे. सेना के वाहनों को कारगिल पहुंचने के लिए अब मनाली-लेह मार्ग होकर चार दर्रों को पार नहीं करना पड़ेगा. शिंकुला होकर सेना को कारगिल तक पहुंचने में अब लगभग 200 किलोमीटर कम सफर करना पड़ेगा. वहीं, मनाली-लेह-कारगिल मार्ग (Manali Leh Kargil Road) की तुलना में अब करीब 10 घंटे कम समय लगेगा.
शिंकुला होकर कारगिल पहुंचेंगे सेना के वाहन. परियोजना के मुख्य अभियंता जितेंद्र प्रसाद ने शुक्रवार को ऑफिसर कमांडिंग 126 आरसीसी के मेजर अरविंद के साथ शिंकुला दर्रा होकर भारी वाहनों के काफिले को झंडी दिखाकर रवाना किया. दारचा-पदुम-कारगिल से अब सेना के भारी वाहन चलने से सीमा पर तैनात भारतीय सेना को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि शिंकुला होकर बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू होने से लद्दाख के जांस्कर की अर्थव्यवस्था (Economy of Zanskar of Ladakh) में एक बड़ा सकारात्मक सुधार होगा. मुख्य अभियंता जितेंद्र प्रसाद ने शिंकुला दर्रा में चल रहे कार्य और प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि पर्यटकों की आमद को बढ़ाने के लिए शिंकुला दर्रा के नीचे टनल का निर्माण (Tunnel under Shinkula Pass) जल्द शुरू होगा.
मुख्य अभियंता जितेंद्र प्रसाद ने भारी वाहनों के काफिले को झंडी दिखाकर रवाना किया. सैलानियों की सुविधा के लिए दर्रा के समीप बीआरओ कैफे का निर्माण करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि 126 आरसीसी ने 16580 फीट की ऊंचाई पर ठंड और कठोर मौसम के बीच दिन में कई घंटों तक काम किया. वहीं, दो दिवसीय निरीक्षण दौरे के दौरान जितेंद्र प्रसाद ने दारचा से निम्मू होते हुए पदुम तक सड़क का भी निरीक्षण किया.