कुल्लू: जिला के उपमंडल बंजार में बसा विश्व धरोहर का खिताब साल 2014 में अपने नाम करने वाला ग्रेट हिमायलन नेशनल पार्क दुर्लभ कस्तूरी मृग के लिए रक्षक साबित हो रहा है. 24 वर्षों में दुर्लभ प्रजाति में शुमार कस्तूरी मृग की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, क्योंकि इनकी संख्या पांच गुना से भी अधिक बढ़ी है. वहीं, पार्क में कस्तूरी मृग सहित किसी भी वन्यप्राणी का शिकार करना अवैध है, इसलिए पार्क प्रबंधन ने संवेदनशील जगहों पर ट्रैप कैमरे लगा रखे हैं. यही वजह है कि विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए सुरक्षित जगह बन गई है.
13 वर्षों में दायरा बढ़ा
1997 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में कस्तूरी मृग का औसतन संख्या घनत्व प्रति किलोमीटर दो था, लेकिन 13 वर्षों में 2010 तक ये दायरा बढ़कर प्रति किलोमीटर दस हो गया है. वहीं, 2019 में इनकी संख्या दस से बढ़कर 11 हो गई है और ताजा सर्वे में भी कस्तूरी मृगों की संख्या में वृद्धि पाई गई है.
तीन हजार फीट की ऊंचाई पर पाए जाते कस्तूरी मृग