कुल्लूः अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार न तो विश्व रिकॉर्ड में शामिल हजारों महिलाओं की कुल्लवी नाटी होगी और न ही सांस्कृतिक संध्याएं होंगी. कोरोना काल में देव परंपरा का ही निर्वहन किया जाएगा. कोरोना के चलते इस बार भव्य उत्सव में इस बार रौनक गायब रहेगी. हालांकि, कई लोग दशहरा को धूमधाम से मनाने की बात कह रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट में ऐसा संभव नहीं लगता.
सात दिन तक चलने वाले देव महाकुंभ में देवी-देवताओं की भागीदारी महत्वपूर्ण रहती है. हजारों लोग देवताओं से आशीर्वाद लेते हैं. हर साल दशहरा उत्सव समिति लोगों के मनोरंजन के लिए कलाकेंद्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन करती है. इसमें विदेशी सांस्कृतिक दल, बॉलीवुड के स्टार गायक और कई राज्यों के लोक कलाकार प्रस्तुति देते हैं.
डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि सरकार के आदेशों के अनुसार ही दशहरा का आयोजन किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के आयोजन को लेकर 12 अक्टूबर को देव सदन में बैठक होगी. इसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री व दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष गोविंद ठाकुर करेंगे. इसमें दशहरा के आयोजन को लेकर चर्चा की जाएगी.