कुल्लूः देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भगवान रघुनाथ की परंपरा नहीं टूटेगी और दशहरा के दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा होगी. हालांकि इस रथ यात्रा में इस बार जिला भर के सैकड़ों देवी-देवता भाग नहीं ले पाएंगे और न ही हजारों श्रद्धालु रथ खींच पाएंगे, लेकिन पूरे सात दिनों तक भगवान रघुनाथ जी की परंपरा का निर्वाह होगा.
सोमवार को दशहरा पर्व को लेकर पहली बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दशहरा पर्व मनाया जाएगा. इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह का कारोबार नहीं होगा और न ही दुकानें लग पाएंगी.
दशहरा पर्व में आने वाले लोग कुल्लू शहर की स्थाई दुकानों में ही खरीददारी कर सकते हैं. यही नहीं लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे. इस बार सिर्फ दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह होगा. लिहाजा इस बार कोरोना के कारण देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व का स्वरूप विल्कुल अलग हो गया है. बैठक में दशहरा कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्य तौर पर भाग लिया. जबकि भगवान रघुनाथ की तरफ से मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह उपस्थित रहे.
इसके अलावा उपाध्यक्ष व डीसी कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आनी के विधायक किशोरी लाल, नगर परिषद के उपाध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत, कारदार संघ के पदाधिकारीगण सहित दशहरा कमेटी के सदस्य मौजूद रहे. बैठक में विस्तार से चर्चा की गई कि आखिर किस तरह से कोरोना के इस संकट में दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह किया जाए.