कुल्लूः देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चलाए गए स्वच्छता अभियान से एक सेवानिवृत्त फौजी को ऐसी प्रेरणा मिली कि वो अब प्लास्टिक मुक्त पहाड़ के तहत में रोजाना अपने गांव और साथ लगते क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने में जुटा हुए हैं.
साथ ही वे स्कूलों में जाकर बच्चों को भी प्लास्टिक मुक्त देश बनाने के लिए जागरूक कर रहे हैं. वहीं, जीभी व आस-पास के गांव में आने वाले पर्यटकों से भी अपील करते हैं कि वे पहाड़ों को हरा-भरा ही रहने दें और प्लास्टिक का कचरा इधर-उधर ना फेंके.
साल 2010 में सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद गिरधारी लाल ने अपने गांव का रुख किया. अपने गांव की हरियाली को हरा भरा रखने के उद्देश्य से उन्होंने इसे स्वच्छ करने की ठानी. गिरधारी लाल रोजाना अपने गांव व नदी नालों के आसपास जाते हैं और वहां पड़ा हुआ प्लास्टिक का सारा कचरा एक बोरी में एकत्र कर लेते हैं.
उसके बाद वह सारा प्लास्टिक वन विभाग के कार्यालय में रख कर आते हैं जहां से लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी उसे ले जाते हैं. लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी उस प्लास्टिक को पहाड़ में सड़क बनाने में प्रयोग में लाते हैं जिससे उस प्लास्टिक का भी निष्पादन हो रहा है.
गिरधारी लाल ने बताया कि बंजार उपमंडल का जीभी गांव काफी सुंदर है और यहां हर साल हजारों सैलानी भी आते हैं. जब सैलानियों का यहां आना बढ़ गया तो प्लास्टिक का कचरा भी यहां हर जगह दिखाई दिया जाने लगा. जिसे देखकर उन्हें काफी दुख हुआ और उन्होंने ठान ली कि वे इस वह इस पर्यटनस्थल को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त रखेंगे.
उसके बाद से लेकर आज तक गिरधारी लाल सड़कों नदी नालों व गांव के आसपास बिखरे प्लास्टिक को इकट्ठा करते हैं. वही पर्यटकों से भी अपील करते हैं कि वे यहां की शांत वादियों का मजा जरूर ले लेकिन यहां से लौटने से पहले वे इस कचरे को भी एक जगह पर ही एकत्र करें ताकि यह हरी-भरी जगह साफ और सुंदर बनी रह सके.
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