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श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर सीटू ने किया प्रदर्शन, मोदी सरकार को बताया मजदूर विरोधी

कुल्लू में सीटू व हिमाचल किसान सभा ने श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में बदलाव कर मजदूरों कर्मचारियों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.

kullu citu protest

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Published : Sep 6, 2019, 8:37 AM IST

Updated : Sep 6, 2019, 9:23 AM IST

कुल्लूः देश में श्रम कानूनों में किए गए बदलाव को लेकर कुल्लू में सीटू व हिमाचल किसान सभा व द्वारा संयुक्त रैली निकाली गई. प्रदर्शनकारियों ने लेबर कोड बिल 2019, कार्यस्थल पर सुरक्षा स्वास्थ्य व काम की स्थिति सहित विधेयक 2019 और श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध जताया. इस दौरान सीटू कार्यालय से लेकर जिलाधीश कार्यालय तक रैली निकाली गई और डीसी कुल्लू के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भेजा दिया.

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सीटू के राज्य सहसचिव होतम सिंह सोंखला ने कहा कि केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार मजदूरों द्वारा हासिल किए गए श्रम कानूनों को बदलकर कोडबिल में बदलना चाहती है. जिसका पूरे देश में मजदूर विरोध कर रहे हैं. सोंखला ने कहा कि लेबर वेज कोड बिल में न्यूनतम मजदूरी 178 प्रस्तावित है जबकि सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ कमेटी ने 375 वेतन धनराशि की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 18,000 मासिक वेतन की मांग की है. इसके लिए बड़े-बड़े आंदोलन हुए हैं.

मौजूदा कानून बन जाने से मजदूरों को काम करने के घंटे से लेकर यूनियन बनाने के अधिकारों को खत्म करने की बात कही गई है. मजदूरों को उद्योगपतियों का गुलाम बन कर काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. राज्य सहसचिव ने कहा कि मोदी सरकार मजदूर विरोधी है और सिर्फ कॉरपोरेट हित में कार्य कर रही है. मोदी सरकार श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में बदलाव कर मजदूरों कर्मचारियों को गुलाम बनाने की साजिश कर रही है.

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Last Updated : Sep 6, 2019, 9:23 AM IST

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