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कुल्लू में स्क्रब टाइफस के 5 नए मामले आए सामने, सीएमओ ने लोगों से की ये अपील

हिमाचल के कुल्लू में स्क्रब टाइफस के 5 मामले सामने आए हैं. इनमें से एक मरीज को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है. पढ़ें कैसे करे बचाव...

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Published : Sep 4, 2019, 2:16 PM IST

कुल्लूःहिमाचल के अन्य जिलों के बाद अब कुल्लू में भी स्क्रब टाइफस के मामले सामने आने लगे हैं. जिले में अब तक 5 मरीज स्क्रब टाइफस से ग्रसित पाए गए हैं. इनमें से एक मरीज को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है.


स्क्रब टाइफस के पॉजिटिव केसों में तीन महिला और दो पुरुष हैं. गौर रहे कि आम तौर पर बरसात के मौसम में तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ जाती है. स्क्रब टाइफस के मामले आने के बाद अस्पताल प्रबंधन भी सतर्क हो गया है. इसे लेकर दैनिक स्तर पर रिपोर्ट ली जा रही है. जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भी सतर्क रहने को कहा गया है. इस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं.

वीडियो.


मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र ने भी आम जनता को सचेत करते हुए कहा कि बरसात के मौसम में तेज बुखार के रोगियों की संख्या अधिक हो जाती है. यह बुखार स्क्रब टाइफस भी हो सकता है यह रोग संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहे में पनपता है. यह जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टाइफस बुखार पैदा करता है.

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डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि खेतों में जब काम करने जाएं तो पूरी बाजू के कपड़े हाथों में दस्ताने और पैरों को पूरा ढकने वाले जूते पहन कर जाने की सलाह दी. सीएमओ डॉक्टर सुशील चंद्र ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्क्रब टाइफस की दवाइयां मुफत में उपलब्ध है.

इस बुखार को लोग जोड़ तोड़ बुखार भी कहते हैं. सीएमओ ने कहा कि ये रोग एक आदमी से दूसरे को नहीं फैलता है. स्क्रब टाइफस का उपचार मुमकीन है और इसके लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें.

जानें क्या है स्क्रब टाइफस केलक्षणः


⦁ तेज बुखार 104 से 105 डिग्री तक होता है
⦁ जोड़ों में दर्द और कंपनी के साथ बुखार
⦁ शरीर में अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना
⦁ गर्दन बाजू के नीचे कूल्हों के ऊपर गिल्टी होना

ऐसे करें स्क्रब टाइफस से बचावः


⦁ शरीर की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए
⦁ घर तथा आसपास के वातावरण को साफ रखें
⦁ घर के चारों ओर घास खरपतवार उगने ना दे
⦁ घर के आस-पास अंदर कीटनाशक दवा की स्प्रे करें

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