कुल्लू:दुनिया के लिए इजराइल (Israel) अपनी वैश्विक ताकत और सेना की मजबूती के लिए जाना जाता है. वहीं, भारत भी इजराइल के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. ऐसे में हिमाचल (Himachal) में भी एक ऐसा गांव पहाड़ों में भी बसा हुआ है, जिसे मिनी इजराइल (Mini Israel) का दर्जा मिला हुआ है. पहाड़ों की खूबसूरती को अपने में समेटता हिमाचल का कसोल गांव (Kasol Village) हिमाचल के प्रसिद्ध जगहों में से एक है, यह एक अच्छा टूरिस्ट प्लेस (tourist place) है.
इसकी खूबसूरती और खासियतों की वजह से यहां विदेशी पर्यटक बहुत ज्यादा आते हैं. इस छोटे से गांव में आपको घूमने में भी कोई परेशानी नहीं होगी. जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी (Manikaran Valley) में कसोल गांव पार्वती नदी (Parvati River) के किनारे बसा हुआ है. पहले यहां सिर्फ एक बस स्टॉप हुआ करता था, लेकिन बाद में लोगों ने यहां बसना शुरू कर दिया. साल 1990 में इजराइल के पर्यटकों ने इस गांव में आना शुरू किया था. तब से लेकर अब तक इस गांव की संस्कृति और शैली पर इजराइल का प्रभाव स्पष्ट देखने को मिलता है. आर्मी की ट्रेनिंग लेने के बाद इजराइल नागरिक (Israeli citizens) इस गांव में इतनी तादाद में आते हैं कि ऐसा लगता मानों यह कोई इजराइल का ही गांव हो. पहाड़ी सांस्कृतिक रूप से एक जुड़ाव होने की वजह से इजराइली यहां पहुंचते हैं.
कसोल में इजराइल की हिब्रू भाषा (Hebrew language) में पोस्टर दिखना आम बात है. होटलों के नाम और इसके अलावा, मेन्यू में व्यंजनों के नाम भी हिब्रू में लिखा होता है. स्थानीय लोग और होटल संचालक भी थोड़ी बहुत इजराइली भाषा में बात कर लेते हैं. यहां इजराइली झंडे (israeli flags) भी आसानी से दिख जाएंगे. कसोल में सबसे ज्यादा इजराइली टूरिस्ट आते हैं, इसलिए इसे मिनी इजराइल भी कहा जाता है. स्थानीय खाने में भी इजराइली टच मिलेगा. यहां होटल, बुक शॉप और अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में इजराइली टूरिस्ट आते हैं. हालांकि, कसोल नशे के लिए भी बदनाम है. यहां पास में मलाणा गांव भांग (cannabis) के लिए काफी जाना जाता और काफी टूरिस्ट यहां नशा करने के लिए आते हैं.