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KULLU: मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन, दहकते अंगारों पर नाचे माता के भक्त - Piplage Village of Kullu

कुल्लू की दियार घाटी के पिपलागे गांव में मंगलवार को मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन (Jag Utsav organized in Piplage) किया गया. इस दौरान रात के समय माता के भक्त अंगारों पर खूब नाचते (Devotees walked on fire in kullu) दिखे. लोगों की मानें तो यहां पर ये प्रथा तब से चली आ रही है, जब से भगवान इस धरती पर आए हैं. यहां पर हर साल इसका आयोजन किया जाता है और प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग जाग उत्सव में आते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन
मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन

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Published : Jul 27, 2022, 12:44 PM IST

कुल्लू:जिला कुल्लू की दियार घाटी के पिपलागे गांव (Piplage Village of Kullu) में मंगलवार को मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन (Jag Utsav organized in Piplage) किया गया. इस दौरान रात के समय माता के भक्त अंगारों पर खूब नाचते दिखे. इस जाग महोत्सव के उपलक्ष्य पर माता भद्रकाली, माता कोयला, माता शीतला, माता नागराणी अपने कारकुनों और हारियानों सहित विशेष रूप से पधारी. जागरण में भजन गायकों ने शोभला सा तेरा दरबार, तेरे मंदिर रा नजारा, आज होना दीदार मईया दा, मां नैना महामाया और जयपाल म्यूजिकल ग्रुप नालागढ़ के भजन गायकों ने भजन के माध्यम से माता की महिमा का बखान कर सभी श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

इस दौरान त्रिनेत्रा मंदिर कमेटी द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया था. जिसमें हजारों श्रद्धालुयों ने माता का प्रसाद ग्रहण किया. रात्रि एक बजे माता नैना और माता भद्रकाली ने अपने कारकूनों के साथ मंदिर में प्रवेश किया और अंगारों की चारों ओर परिक्रमा की. इस उत्सव की खास बात यह है कि यहां पर माता के गुर, चेलियां जलते हुए आग के अंगारों पर चलकर अपनी शक्ति का प्रमाण देते हैं. इस जाग को देखने के लिए हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग यहां आते हैं.

मां नैना के सम्मान में जाग उत्सव का आयोजन.

भद्रकाली माता के पुजारी अमित महंत ने कहा कि आज माता नैना की 22 वीं जाग बड़ी धूमधाम से मनाई गई है. इस जाग की अद्भुत बात यह है कि यहां पर माता के गुरु, चेलियां आग के अंगारों पर चलते हैं (Devotees walked on fire in kullu) और माता रानी की कृपा से किसी के भी पैर में आंच तक नहीं आती. ये सब माता की शक्ति से ही संभव है. जाग के दिन माता सभी भक्तों के दुःखो का निवारण करती हैं और सभी को मनोवांछित फल प्रदान करती है. सभी भक्त नारियल लेकर आते है और माता रानी नारियल से सभी भक्तों के ग्रहों का निवारण करती है.

वहीं, माता भद्रकाली व माता नैना के गुर अश्वनी कुमार ने कहा कि ये प्रथा तब से चली आ रही है, जब से भगवान इस धरती पर आए हैं और पिपलागे में ये माता की 22वीं जाग थी. उन्होंने कहा कि माता के आशीर्वाद से ही यह जाग बड़ी धूमधाम से मनाई गई. त्रिनेत्रा मंदिर कमेटी के सभी सदस्यों ने भी जाग को सफल बनाने के लिए भरपूर सहयोग दिया.

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