कुल्लू:सैंज घाटी में हुए बस हादसे (Bus accident in Sainj Valley) में तुंग गांव के चार लोग भी शामिल थे. गांव में जब चार लाशें एक साथ जली तो पुरे गांव में मातम पसर गया था. इन चार लोगों में आईटीआई सैंज का छात्र सुनील (ITI Sainj student died) भी था, जो जल शक्ति विभाग में फीटर बनकर गांव वासियों की सेवा करना चाहता था. लेकिन उसे क्या पता था कि भगवान को कुछ और ही मंजूर था. शैंशर के तुंग गांव में कई सालों से पानी का संकट है. यह गांव सड़क सुविधा से भी वंचित है. ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता है, जिसकी वजह से उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ता है. ऐसे में सुनील कुमार फीटर बनकर पेयजल समस्या का समाधान करना चाहता था.
KULLU: गांव की सेवा करने का सपना अधूरा रह गया सुनील का, सैंज बस हादसे गई थी जान
सैंज घाटी में हुए बस हादसे (Bus accident in Sainj Valley) में तुंग गांव का सुनील भी शामिल था. सुनिल आईटीआई सैंज का छात्र था (ITI Sainj student died) और वह जल शक्ति विभाग में फीटर बनकर गांव वासियों की सेवा करना चाहता था. सुनिल अपने घर पर एकलौता बेटा था. उस दिन भी सुलिन अपने घर से आईटीआई के लिए ही निकला था. लेकिन इस हादसे में उसकी जान चली गई. पढ़ें पूरी खबर...
मृतक के पिता निमत राम और माता प्रोमिला ने बताया कि बेटे का सपना फीटर बनकर गांववासियों की सेवा करना था. अब उसका सपना अधूरा रह गया, जो कभी पूरा नहीं होगा. वह आईटीआई सैंज में फीटर की ट्रेड में अपनी पढ़ाई कर रहा था, लेकिन बस हादसे में उसकी जान चले गई. माता-पिता ने अपना दर्द बयां करने हुए कहा कि 22 वर्षीय सुनील उनका एकलौता बेटा था, जबकि दो बेटियां भी हैं. हादसे से उनके घर का चिराग बुझ गया है.
उन्होंने बताया कि बेटा रविवार की छुट्टी के चलते शनिवार शाम को ही घर पहुंचा था और सोमवार सुबह आईटीआई सैंज चला गया, लेकिन उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि बेटे को जिंदा देखने का वह आखिर दिन होगा. इस बस हादसे में उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को खोया है, जिसका दुख ताउम्र रहेगा. माता-पिता ने कहा कि हादसे को कभी नहीं भूलाया जा सकता. इसमें कई परिवार टूटकर बिखर गए हैं. बता दें कि शैंशर के जंगला में हुए बस हादसे में 13 लोगों की मौत (Kullu Bus Accident) हुई थी. अगर समय रहते मदद मिलती तो हादसे में कई लोगों की जान बच सकती थी.