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भारत-रशिया की दोस्ती के प्रतीक पर कोरोना संकट! CM से आर्थिक मदद की गुहार - रशियन एंबेसी को पत्र

भारत व रशिया की दोस्ती का प्रतीक चेरिटेबल ट्रस्ट पर कोरोना संकट भारी पड़ चुका है. अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट का बिजली कनेक्शन कभी भी कट सकता है. कोरोना काल में रोरिक आर्ट गैलरी में कला प्रेमी नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके चलते पिछले तीन महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है. ऐसे में राष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट के संचालकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और रशियन एंबेसी को पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी है.

रोरिक आर्ट गैलरी
रोरिक आर्ट गैलरी.

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Published : Jul 26, 2020, 10:16 PM IST

मनाली/कुल्लू:भारत और रशिया की दोस्ती का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट पर कोरोना संकट भारी पड़ गया है. एक समय ऐसा था जब अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट में मौजूद रोरिक आर्ट गैलरी को देखने के लिए देश-विदेश से कला प्रेमी यहां पहुंचते थे, लेकिन कोरोना काल में ट्रस्ट की हालत खस्ता हो गई है.

आलम ये है कि ट्रस्ट के पास अपने 29 कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं है. ट्रस्ट के संचालकों ने जहां हिमाचल सरकार से आर्थिक मदद मांगी है. वहीं, रशियन एंबेसी को भी पत्र लिखा गया है. नग्गर में अंतराष्ट्रीय रोरिक ट्रस्ट की अरबों रुपए की संपत्ति है, लेकिन वर्तमान समय में हालात कुछ ऐसे बने हुए हैं कि ट्रस्ट का संचालन करना भी मुश्किल हो गया है. तीन महीने से ट्रस्ट अपने 29 कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाया है. ऐसे में कर्मचारियों का कहना है कि 28 साल में ये पहला ऐसा मौका है, जब उन्हें पाई-पाई के लिए मौहताज होना पड़ रहा है.

रोरिक आर्ट गैलरी.

वर्ष 2012 में आईसीआर मॉस्को के साथ हिमाचल सरकार का एक करार हुआ था. इस करार में तय हुआ था कि आईसीआर मास्को ट्रस्ट की व्यवस्था को देखेगा और यहां विकास के कार्य भी करवाएगा. करार के होने के बाद जहां ट्रस्ट के कर्मचारियों को ये आस बंधी थी कि भारत सरकार के साथ-साथ विदेश सरकार भी उनकी आर्थिक मदद करेगी, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी ट्रस्ट की हालत में किसी भी तरह का कोई सुधार नहीं हो सका.

सीएम से आर्थिक मदद की मांग

सूत्र बताते हैं कि कर्मचारियों को वेतन तो दूर की बात है, ट्रस्ट के पास बिजली का बिल अदा करने तक के पैसे नहीं हैं. यही कारण है कि मार्च महीने से अब तक करीब 81 हजार रुपये का बिजली का बिल अदा नहीं किया जा सका है. इस पूरे मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट के संचालकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिख आर्थिक मदद मांगी है.

रोरिक ट्रस्ट कर्मचारी यूनियन के प्रधान सुरेंद्र मोहन का कहना है कि वो पिछले 28 साल से ट्रस्ट में काम कर रहे हैं, लेकिन इतने बुरे दिन उन्होंने कभी नहीं देखे. उनका कहना है कि कर्मचारियों को पिछले तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया है. ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारियों पर दो वक्त की रोजीरोटी का संकट तक पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में ट्रस्ट के संचालकों से बात की गई है, लेकिन बजट न होने के कारण उनके भी हाथ खड़े हो चुके हैं.

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