मनालीःबर्फ के घर यानी इग्लू में ठहरने के लिए अब अब पर्यटकों को फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नार्वे, स्वीडन या कनाडा जाने की जरूरत नहीं. मनाली में ही कुछ उत्साही युवाओं ने इग्लू बनाकर न सिर्फ शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा दिया बल्कि युवाओं की इस पहल ने पर्यटकों को भी विदेशों जैसा अहसास अपने देश में करवाया है.
सैलानियों को मिलेंगी तमाम सुविधाएं
इग्लू में ठहरने, खाने व सोने की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. मनाली के टशी व विकास ने पांच और शेनव व गुलाटी ने तीन इग्लू तैयार किए हैं. हामटा में बने ये इग्लू सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
साढे़ नौ हजार फीट ऊंचाई पर बने इग्लू
पर्यटक विदेशों में बने इग्लू को टीवी व डाक्यूमेंट्री में देखकर खुश होते थे, लेकिन अब हिमाचल घूमने आने वाले सैलानियों को मनाली में ही यह सुविधा मिल रही है. साढे़ नौ हजार फीट की ऊंचाई पर बनाए इग्लू में रहने के लिए सैलानी खासी रुचि दिखा रहे हैं. रात को रुकने की बजाय दिन में ही इनमें समय व्यतीत करने को प्राथमिकता दी जा रही है.
युवाओं की अनोखी पहल
विकास व टशी ने बताया कि उन्होंने पहला इग्लू 2015 में मनाली में बनाया था. मनाली आने वाले सैलानी इग्लू में दो महीने तक रह सकते हैं. साथ ही शेनव व गुलाटी का कहना है कि बर्फ से तैयार किए घर ऑस्ट्रेलिया व अंटार्कटिका में देखने को मिलते थे, लेकिन अब मनाली में ही पर्यटकों को यह सुविधा मिल रही है. हिमाचल के युवाओं की इस अनोखी पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है.
कैसे तैयार किया जाता है इग्लू
इग्लू बर्फ से तैयार किया जाता है. बर्फ के ब्लॉक बनाकर इन्हें आपस में जोड़ दिया जाता है. इसके बाद अंदर व बाहर बर्फ का लेप किया जाता है. ठंड अधिक होने से पूरा ढांचा जमकर मजबूत चट्टान बन जाता है. इग्लू के भीतर जाने के लिए संकरा गलीनुमा प्रवेश द्वार बनाया जाता है ताकि हवा अंदर प्रवेश न कर सके. इग्लू के अंदर तामपान बाहर के मुकाबले अधिक रहता है. ऐसे अंदरा ठंड कम महसूस होती है.