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कुल्लू में HRTC कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, एक दिवसीय हड़ताल की चेतावनी - परिवहन संयुक्त समन्वय समिति

एचआरटीसी में कार्यरत कर्मचारियों ने मांगें नहीं मानने पर एक दिवसीय हड़ताल की चेतावनी दी है. सरवरी बस अड्डा में आयोजित गेट मीटिंग में निगम के कर्मचारियों ने प्रबंधन पर भी अपना रोष व्यक्त किया. गेट मीटिंग में शामिल कर्मचारियों का कहना था कि निगम प्रबंधन की ओर से उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है.

कुल्लू में HRTC कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
कुल्लू में HRTC कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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Published : Oct 13, 2021, 2:16 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर गौर न करने के चलते जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी बस अड्डा में परिवहन संयुक्त समन्वय समिति के कर्मचारियों ने गेट मीटिंग की. वहीं मांगों पर गौर न करने पर निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की गई. निगम प्रबंधन को चेतावनी दी गई कि अगर समय पर उनकी मांगों का निपटारा नहीं हुआ तो 18 अक्टूबर को एक दिन की हड़ताल करेंगे.

सरवरी बस अड्डा में आयोजित गेट मीटिंग में निगम के कर्मचारियों ने प्रबंधन पर भी अपना रोष व्यक्त किया. गेट मीटिंग में शामिल कर्मचारियों का कहना था कि निगम प्रबंधन की ओर से उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें आर्थिक रूप से भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पीस मील वर्कर भी लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है.

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इसके अलावा निगम प्रबंधन द्वारा संयुक्त समन्वय समिति के साथ पूर्व में किए गए समझौतों पर अमल न करना, कुल डीए 15 प्रतिशत, 34 महीनों का नाइट ओवर टाइम, पेंशन, ग्रेच्युटी, कम्यूटेशन, लीव इनकैशमेंट, जीपीएफ, मेडिकल रिम्बर्समेंट, कई प्रकार के एरियर आदि कर्मचारियों के लगभग 580 करोड़ रुपये के लंबित वित्तीय भुगतान देय है. जिससे कर्मचारी अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है.

मीटिंग में शामिल उमेश शर्मा ने बताया कि वित्तीय मांगों के अतिरिक्त एचआरटीसी को रोडवेज का दर्जा देना, भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करना, पीस मील कर्मचारियों को एकमुश्त अनुबंध पर लाना है. इसके अलावा चालकों का पूर्व की भांति 9880 रुपये का आरंभिक वेतनमान बहाल करना, परिचालकों को आरंभिक वेतनमान एवं एसीपी स्कीम का लाभ देना, निगम में रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरना, वैट लीज पर चल रही बसों को बंद करना है.

वहीं, यात्री परिवहन का राष्ट्रीयकरण करना, निजी रूट परमिट देने पर पूर्ण रोक लगाना, कर्मचारियों को प्रताड़ित व उकसाने के लिए बेवजह उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द करना आदि अनेकों समस्याएं समाधान के इंतजार में खड़ी है.

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