कुल्लू:हिमाचल प्रदेश में विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए साल 1999 में पेंशन की जो अधिसूचना जारी की थी उसे आज तक सरकार के द्वारा लागू नहीं किया गया है. जिसका नतीजा यह है कि आज हिमाचल प्रदेश में 6730 कर्मचारी व अधिकारी इस योजना से वंचित हो गए हैं. कुल्लू में हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायर्ड कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात प्रदेश अध्यक्ष देवीलाल ठाकुर ने कही.
Himachal Corporate Sector से सेवानिवृत्त 6730 कर्मचारी आज भी ताक रहे पेंशन की राह
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न कॉर्पोरेट सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए साल 1999 में पेंशन की जो अधिसूचना जारी की थी उसे आज तक सरकार के द्वारा लागू नहीं किया गया है. कुल्लू में (HP Corporate Sector Retired Coordination Committee) हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेट सेक्टर रिटायर्ड कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस पेंशन योजना को 10 जून से पहले लागू किया जाए वरना कर्मचारी धरने प्रदर्शन पर उतरने के लिए मजबूर होंगे
प्रदेश अध्यक्ष देवीलाल ठाकुर ने कहा कि उस समय प्रदेश भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष, वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर थे और उन्होंने उस समय इस पेंशन योजना को लागू करने के लिए कर्मचारियों को आश्वासन दिया था. साल 2007 में भी अपने घोषणा पत्र में इसे भाजपा के द्वारा रखा गया था, लेकिन आज तक इस पेंशन योजना को शुरू नहीं किया गया है. देवीलाल ठाकुर ने कहा कि इस पेंशन योजना का लाभ न देखकर प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों (HP Corporate Sector Retired Coordination Committee) के साथ धोखा किया है और अभी भी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर प्रदेश सरकार के मंत्रियों से मिल चुके हैं. लेकिन उनकी ओर से भी अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी साल 1999 तक रेगुलर थे उन्होंने निगम के प्रबंधकों को अपनी ऑप्शन दी थी कि वह इस पेंशन के हकदार हैं. इस संबंध में वर्तमान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में भी इसे लिखा था और कहा था कि पेंशन योजना को लागू करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी, लेकिन आज तक यह कमेटी नहीं बन पाई है. ऐसे में सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि इस पेंशन योजना को 10 जून से पहले लागू किया जाए वरना कर्मचारी धरने प्रदर्शन पर उतरने के लिए मजबूर होंगे. प्रदेश अध्यक्ष देवी लाल का कहना है कि प्रदेश सरकार के द्वारा जो एनपीएस पेंशन का मुद्दा है उससे उन्हें कोई लेना- देना नहीं है. अगर सरकार ने एनपीएस योजना को उन पर लागू करने की कोशिश की तो इसका भी सभी कर्मचारी कड़ा विरोध करेंगे.