लाहौल स्पीति: चुनावी साल में प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही हैं. चुनाव में अभी भले ही कुछ महीने बचे हैं, लेकिन राजानीतिक दल जनता को रिझाने का कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहते हैं. ऐसे में हिमाचल सीट स्कैन (himachal seat scan) के माध्यम से हम आपके प्रदेश के सभी विधान सभा क्षेत्रों में इस साल क्या चुनावी समीकरण हैं, यह बताने का प्रयास कर रहे हैं. आज आज सीट स्कैन में 21वीं विधानसभा सीट लाहौल स्पीति की बात करने जा रहे हैं.
हिमाचल का जनजातीय जिला लाहौल स्पीति जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश दुनिया में मशहूर रहा है. तो वही अटल टनल बनने के बाद यहां पर राजनीतिक समीकरण (Lahaul Spiti seat ground report ) भी बदले हैं. अटल टनल से पहले यह इलाका 6 महीने के लिए बर्फ की कैद में गुम हो जाता था. लेकिन अब अटल टनल बनने से साल के 12 महीने लाहौल घाटी पहुंचना आसान हुआ है. ऐसे में अटल टनल अबकी बार भाजपा के लिए कितना सकारात्मक रुख लाती है यह आने वाले विधानसभा चुनावों में जनता तय करने वाली है. लाहौल स्पीति जिले में इन दिनों भाजपा के विधायक डॉ. रामलाल मारकंडा सत्ता पक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. तो वहीं आने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश भाजपा के विकास कार्यों का क्या नतीजा रहता है अब यह देखना बाकी है.
लाहौल स्पीति में मतदाताओं की संख्या: जिला लाहौल स्पीति में अब की बार 32 हजार लोगों की जनसंख्या है और 23,790 लोग अपने मतदान का प्रयोग करेंगे. इसमें से 11,841 पुरुष और 11, 949 महिला मतदाता हैं. वहीं, लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर साल 2017 में भाजपा की ओर से डॉ. रामलाल मारकंडा ने चुनाव लड़ा था और कांग्रेस की ओर से रवि ठाकुर मैदान में उतरे थे. ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. रामलाल मारकंडा को 7,556 वोट मिले थे और कांग्रेस के रवि ठाकुर को 6,278 वोट हासिल हुए थे. इसके अलावा राजेंद्र कारपा को 2240 तथा सुदर्शन जस्पा को 655 वोट मिले थे. साल 2017 के चुनावों में लाहौल स्पीति में कुल मतदाता 23,231 की संख्या में थे.
लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या. प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश दुनिया में मशहूर लाहौल स्पीति: शीत मरुस्थल के नाम से जाने जाने वाला लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti Assembly Seat) जिला अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश दुनिया में मशहूर है. अटल टनल बनने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है और यहां के स्थानीय लोगों को भी इससे कारोबार मिला है. पर्यटन के बढ़ने से यहां पर होमस्टे व कैंपिंग का कारोबार भी बड़ा है और रोजाना लाहौल घाटी के पर्यटन स्थलों (tourist places in lahaul spiti) पर हजारों लोग घूमने जाते हैं. जिसके चलते लाहौल के सिस्सू, उदयपुर, केलांग दारचा, जिसपा, चंद्रताल व स्पीति घाटी के काजा, ताबो सहित इलाकों में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है.
लाहौल स्पीति सीट पर जीत का अंतर. लाहौल स्पीति में सिंचाई व्यवस्था का भी काफी अभाव: लाहौल घाटी (Lahaul Spiti Assembly Constituency) में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा बीते 5 सालों में बढ़ी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति अभी भी सुधर नहीं पाई है. लाहौल घाटी में सिंचाई व्यवस्था (Lahaul Spiti Assembly Constituency Issues) का भी काफी अभाव है. क्योंकि यहां पर गांव काफी ऊंचे इलाकों में स्थित हैं और कृषि कार्यों के लिए लोगों को प्राकृतिक झरनों व नालों का सहारा (Irrigation system in Lahaul Spiti) लेना पड़ता है. इस साल सूखा पड़ने के चलते किसानों की मटर की फसल भी सूख गई और लोगों ने भी प्रदेश सरकार से लाहौल स्पीति जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग रखी है. वहीं, लाहौल घाटी के ऐसे कई गांव हैं जहां आज भी लोगों को सड़क सुविधा की दरकार है. अगर कहीं सड़क बनी हुई है तो उसके हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं.
लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जनता परेशान: लाहौल स्पीति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा (Medical Facilities in Lahaul Spiti) के लिए कुल्लू जिले का ही रुख करना पड़ता है. केलांग अस्पताल में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हुए हैं और जिसका खामियाजा भी लाहौल स्पीति की जनता को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग को लेकर कई बार धरने प्रदर्शन भी किए गए. लेकिन अभी भी केलांग अस्पताल में कई विशेषज्ञों के पद खाली चल रहे हैं.
2017 में लाहौल स्पीति सीट पर जीत का अंतर. लाहौल स्पीति विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे: लाहौल घाटी के स्थानीय लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनावों में लाहौल घाटी की उपेक्षा राजनीति का मुख्य केंद्र रहेगी. युवाओं का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र तो सरकार के द्वारा खोले गए हैं लेकिन उनमें स्टाफ की तैनाती करना सरकार भूल गई है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की हाल काफी खराब है. वहीं, पर्यटकों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन पर्यटकों के लिए सुविधाएं भी यहां अभी तक सरकार पूरी तरह से नहीं दे नहीं दे पाई है. जिसके चलते पर्यटक लाहौल घाटी का रुख तो करते हैं. लेकिन शाम होते ही वापस मनाली चले जाते हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को पर्यटन बढ़ने का कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार स्थानीय लोगों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए यहां पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करवाए.
लाहौल स्पीति से विधायक रामलाल मारकंडा. भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकते हैं सुदर्शन जसपा: बीते विधानसभा चुनावों में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके सुदर्शन जसपा अबकी बार दोनों ही दलों के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं. क्योंकि सुदर्शन जसपा ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम (Sudarshan Jaspa joins Aam Aadmi Party) लिया है और वह एशिया की सबसे बड़ी आलू उत्पादक सोसाइटी के भी अध्यक्ष हैं. सुदर्शन जसपाल छात्र जीवन से ही राजनीति (Aam Aadmi Party in Lahaul Spiti) में सक्रिय हैं और इससे पहले वे जिला परिषद का चुनाव भी जीत चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे सुदर्शन जसपा. (फाइल फोटो) अटल टनल बनने के बाद पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा: लाहौल स्पीति में अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) बनने के बाद यहां के लोगों की जिंदगी की राहें आसान हुई है. लाहौल घाटी में सिस्सू, चंद्रताल, सूरजपाल, जिस्पा, दारचा सहित कई ऐसे पर्यटक स्थल है. इसके अलावा यहां के बौद्ध मंदिर भी बाहरी राज्यों के पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. सर्दियों में बर्फबारी के चलते यहां तापमान माइनस से भी नीचे चला जाता है और यहां लोगों को पीने के पानी की दिक्कतें भी पेश आती हैं.
कांग्रेस का लाहौल स्पीति के विधायक रामलाल मारकंडा पर आरोप: पूर्व विधायक रहे एवं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि ठाकुर का कहना है कि वर्तमान भाजपा सरकार स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही है. रवि ठाकुर का कहना है कि इस साल सूखे के चलते लोगों की फसलों का खासा नुकसान हुआ है. क्योंकि यहां पर साल में सिर्फ 6 महीने की खेती हो पाती है ऐसे में कांग्रेस ने सरकार से मांग रखी थी कि इसे सूखाग्रस्त घोषित किया जाए. इसके अलावा कई गांव आज भी विकास की राह देख रहे हैं. लेकिन वर्तमान विधायक एवं मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा लोगों की समस्याओं को सुनने की बजाय अपनी मनमानी करने में जुटे हुए हैं. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनावों में जनता इसका भाजपा सरकार को करारा जवाब देगी.
लाहौल स्पीति सीट में इनके बीच मुकाबला. ये भी पढ़ें: Himachal Seat Scan: क्या नाहन में बिंदल लगाएंगे जीत की हैट्रिक या फिर कांग्रेस रोक देगी उनका विजयी रथ, जानिए चुनावी समीकरण
कैबिनेट मंत्री और लाहौल स्पीति से विधायक रामलाल मारकंडा की दलील: वहीं, लाहौल स्पीति के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा (Lahaul Spiti MLA Ramlal Markanda) ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से लाहौल घाटी के कई इलाकों को विकसित किया जा रहा है. यहां पर पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों की आरती की भी मजबूत हुई है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की हर योजना का लाभ ग्रामीणों को दिया जा रहा है और गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. लाहौल स्पीति में प्रदेश सरकार के सहयोग से विकास कार्यों (Development works in Lahaul Spiti) को पूरा किया जा रहा है और लाहौल घाटी की जनता भी प्रदेश सरकार के विकास से काफी खुश भी नजर आ रही है.
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