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कुल्लू की ग्राम पंचायत शिल्ली में हुई बैठक में फैसला, मनरेगा में काम न करने वाले परिवार होंगे BPL सूची से बाहर - BPL families in Shilli

Gram Panchayat meeting held in Shilli: कुल्लू के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शिल्ली में अगर अब कोई परिवार बीपीएल में रहना चाहता है तो (MNREGA work is necessary in Shilli) उसे मनरेगा में 50 दिन काम करना होगा. अगर कोई भी परिवार 50 दिन तक मनरेगा में काम नहीं करता है तो उसे बीपीएल सूची से बाहर कर दिया जाएगा. ग्राम पंचायत शिल्ही के उप प्रधान मोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि इनकी पंचायत में अभी तक एक व्यक्ति ने स्वेच्छा से बीपीएल परिवार छोड़ा है, जबकि बाकी 29 परिवारों को एक साल का मौका दिया गया है. यदि वह मनरेगा में काम नहीं करेंगे और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में नहीं जुड़ेंगे तो अगली साल उन्हें सीधा बीपीएल सूची से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.

Gram Panchayat meeting held in Shilli kullu
कुल्लू की ग्राम पंचायत शिल्ली में हुई बैठक

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Published : Dec 14, 2021, 6:07 PM IST

कुल्लू:Gram Panchayat meeting held in Shilli: जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शिल्ली में अगर अब कोई परिवार बीपीएल में रहना चाहता है तो उसे मनरेगा में 50 दिन काम करना होगा. अगर कोई भी परिवार 50 दिन तक मनरेगा में काम (MNREGA work is necessary in Shilli) नहीं करता है तो उसे बीपीएल सूची से बाहर कर दिया जाएगा. ग्राम पंचायत शिल्ली की बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों ने इस पर निर्णय लिया है और गांववासियों ने भी इस फैसले पर अपनी सहमति जताई है.

इस बैठक की अध्यक्षता ग्राम पंचायत शिल्ही की प्रधान शेतु देवी ने की है. वहीं, स्थानीय जिला परिषद सदस्य मान सिंह और पंचायत समिति सदस्य लीला देवी इस दौरान विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस विशेष ग्राम सभा में लोगों ने सर्वसमति से यह निर्णय लिया कि बीपीएल परिवार (BPL families in Shilli) को एक वर्ष में कम से कम 50 दिन मनरेगा में कार्य करना अनिवार्य होगा. क्योंकि जो व्यक्ति मनरेगा में काम नहीं करता है तो वह गरीब कैसे हो सकता है. बीपीएल परिवार में शामिल होने के लिए भी आवेदक परिवार का एक वर्ष में कम से कम 50 दिन मनरेगा में काम किया हुआ होना चाहिए तभी उसके आवेदन पर विचार किया जा सकता है.

इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि बीपीएल परिवार का सरकार द्वारा चलाए जा रहे गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम मे जुड़ना अनिवार्य होगा. यदि कोई पात्र व्यक्ति गरीब परिवार के उत्थान के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले रहा है तो उन्हें भी बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा. गौरतलब है कि 50 दिन मनरेगा में काम करने पर उस परिवार का पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त में होता है.

कुल्लू की ग्राम पंचायत शिल्ली में हुई बैठक

एक वर्ष मनरेगा में 90 दिन काम करने पर हर मजदूर का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण होता है. पंजीकरण के बाद उस मजदूर के परिवार को सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत कई प्रकार के फायदे मिलते हैं. जैसे कि बच्चों की पढ़ाई- लिखाई के लिए पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक छात्रवृत्ति, बच्चों की शादी के लिए सहयोग राशि, इलाज के लिए खर्च, दुर्घटना बीमा, अंतिम संस्कार के लिए पैसा कुल 13 प्रकार की सुविधाएं मिलती है जो असल में यही गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है.

ग्राम पंचायत शिल्ही के उप प्रधान मोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि इनकी पंचायत में अभी तक एक व्यक्ति ने स्वेच्छा से बीपीएल परिवार छोड़ा है, जबकि बाकी 29 परिवारों को एक साल का मौका दिया गया है. यदि वह मनरेगा में काम नहीं करेंगे और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में नहीं जुड़ेंगे तो अगली साल उन्हें सीधा बीपीएल सूची से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. इसलिए ग्रामसभा ने सर्वसम्मति यह प्रस्ताव पारित किया है जिससे फर्जी गरीब भी बाहर होंगे और अपात्र लोग आवेदन भी नहीं कर पाएंगे.

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