कुल्लूःहिमाचल प्रदेश केशिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस दुनिया के लिए अभी तक पहेली बना हुआ है. वायरस ने जैसे ही देश व प्रदेश में दस्तक दी, चिकित्सा जगत में भी मानों खलबली सी मच गई. डाॅक्टरों को भी शुरू में समझ नहीं आया कि स्थिति पर कैसे नियंत्रण पाया जाए.
उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में चिकित्सकों ने जिस प्रकार से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है, वह सराहनीय है. जिला में कोरोना संक्रमण काफी देरी से आया और यहां के डाॅक्टर इससे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार थे. गोविंद ठाकुर देर सायं क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में चिकित्सकों के साथ कोरोनामुक्त समाज के लिए किऐ जाने वाले प्रयासों पर चर्चा के दौरान कही.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि वह कोरोना पाॅजिटिव हो गए और काफी दिनों बाद अस्पताल में चिकित्सकों के साथ संवाद कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डाक्टरों की भूमिका की सभी को सराहना करनी चाहिए. इन्होंने अपने पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ मरीजों की सेवा की है. मरीज को बचाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं की.
'विपरीत परिस्थितियों में उत्साहपूर्वक किया काम'
यही कारण रहा कि अस्पताल में 57 डाॅक्टर व पैरा मैडिक्स पाॅजिटिव आ चुके हैं. चिकित्सकों ने कोरोना काल में विपरीत परिस्थितियों में उत्साहपूर्वक काम करते हुए दूसरे लोगों की भी हिम्मत बढ़ाई है. आधी रात को भी लोगों ने फोन करके डाॅक्टर को अपने घर में इलाज के लिए बुलाया. यह इतना कठिन कार्य है जिसे समझने की जरूरत है. अपनी ड्यूटी करते हुए पाॅजिटिव होना चिकित्सकों के लिए स्वाभाविक था.
डाॅक्टर कोविड मरीजों से रोज करें बात
शिक्षा मंत्री ने डाॅक्टरों से कहा कि वे आईसोलेशन में रह-रहे कोरोना मरीजों के साथ बात करें. इससे जहां उनका हौंसला बढ़ेगा. वहीं, मरीज व परिजनों की कौंसलिंग भी हो जाएगी. लोग डाॅ. की बात पर भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा कि नेरचैक में चिकित्सक अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन समाज के कुछ लोग नकारात्मकता फैलाने का कार्य करने से नहीं चूकते जो अच्छी बात नहीं है.