कुल्लू: वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के वन आवरण को बढ़ाकर 37 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वन विभाग एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्य कर रहा है. वन मंत्री मनाली के निकट गुलाबा में लगभग 35 लाख रुपये की लागत बनने वाली प्रकृति वाटिका के शिलान्यास और जिला स्तरीय वन महोत्सव के शुभारंभ के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
हिमाचल प्रदेश के कुल क्षेत्रफल में से 66 प्रतिशत वन भूमि है और राज्य का वन आवरण कुल 27.12 प्रतिशत है. प्रदेश का 15,100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जंगलों से ढका है. इसमें से 3110 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में घने जंगल हैं, जबकि 6705 वर्ग किलोमीटर में कम घने जंगल हैं. 5285 वर्ग किलोमीटर खुले जंगल हैं. वन विभाग इस क्षेत्र को घने जंगलों में बदलने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है. इसी कड़ी में 20 से 24 जुलाई तक प्रदेश भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत लगभग 9000 हैक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे.
पिछले साल भी इसी अभियान के तहत लगभग साढ़े 17 लाख पौधे लगाए गए थे. जिनमें से करीब 70 प्रतिशत यानि लगभग 13 लाख पौधे सुरक्षित हैं. पौधों की यह सफलता दर बहुत अच्छी है. वन मंत्री ने बताया कि यह पौधारोपण अभियान सुनियोजित ढंग से चलाया जा रहा है और रोपण के बाद पौधों की रक्षा एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश भर में पौधारोपण के लिए लगभग 670 स्थान चिह्नित किए गए हैं और इन स्थानों पर पौधारोपण अभियान से पहले ही गड्ढे खोदे गए हैं और उचित बाड़बंदी भी सुनिश्चित की जा रही है.