कुल्लू: कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार समय-समय पर कई बंदिशें लगाकर इस पर कार्य कर रही हैं. अभी जो प्रदेश में 17 मई तक कोरोना कर्फ्यू लगाया है उसमें अधिकतर व्यवसाय और उद्योगों को सुचारू रखा गया है, लेकिन हथकरघा क्षेत्र में कार्य करने वाली बुनकर सहकारी सभाओं को सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना कर्फ्यू में छूट न मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है.
रोजगार पर संकट के बादल
जिला कुल्लू सहकारी संघ व भुट्टिको के अध्यक्ष एवं पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर ने कहा कि हथकरघा उद्योग जो मशीनों का मुकाबला करते हुए लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर बेरोजगारों को आजीविका अर्जित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहें हैं, लेकिन कोविड की इस परिस्थिति में उनके रोजगार पर संकट के बादल छाए हुए हैं.
वर्तमान परिस्थिति में संबंधित बाजारों के बंद होने के कारण तैयार माल को बेचने पर अंकुश लग गया है. ऐसी स्थिति में बुनकर सहकारी सभाएं उत्पादन कर आखिर उत्पाद कहां और किस प्रकार बेच पाएंगी, यह कोविड काल की एक गंभीर और ज्वलंत समस्या है. भुट्टिको एक हथकरघा सहकारी सोसायटी है और पूरे प्रदेश व बाहर कुल 34 बिक्री केंद्र हैं. जिसमें सभा अपने तैयार माल की बिक्री करती है.