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रोजगार की मांग को लेकर डीसी कुल्लू से मिले HPPCL के प्रभावित

कुल्लू के कई इलाकों में जहां विद्युत उत्पादन करके देश के विभिन्न राज्यों को रोशन किया जा रहा है तो वहीं, बड़े प्रोजेक्ट लगने के चलते कई लोग बेघर हुए हैं. जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में सैंज घटिनक एचपीपीसीएल प्रोजेक्ट से प्रभावित (Families affected by HPPCL project) परिवारों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग से मिला. इस दौरान प्रभावित एवं विस्थापन कमेटी के सदस्यों ने डीसी कुल्लू से मांग रखी कि प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान उनके साथ जो भी वादे किए गए थे उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.

Families affected by HPPCL project met DC Kullu
रोजगार की मांग को लेकर डीसी कुल्लू से मिले HPPCL के प्रभावित

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Published : Feb 24, 2022, 9:08 PM IST

कुल्लू:जिला कुल्लू के कई इलाकों में जहां विद्युत उत्पादन करके देश के विभिन्न राज्यों को रोशन किया जा रहा है तो वहीं, बड़े प्रोजेक्ट लगने के चलते कई लोग बेघर हुए हैं. हालांकि नियमों के अनुसार उन्हें रोजगार देने के बारे में भी प्रावधान रखा गया है, लेकिन सैंज घाटी के एचपीपीसीएल प्रोजेक्ट में आज तक स्थानीय लोग रोजगार की राह ताक रहे हैं.

जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में सैंज घटिनक एचपीपीसीएल प्रोजेक्ट से प्रभावित परिवारों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग से मिला. इस दौरान प्रभावित एवं विस्थापन कमेटी के सदस्यों ने डीसी कुल्लू से मांग रखी कि प्रोजेक्ट निर्माण के दौरान उनके साथ जो भी वादे किए गए थे उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए.

प्रभावित एवं विस्थापन कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार ने कहा कि यहां पर 200 से अधिक परिवारों की जमीनें प्रोजेक्ट में गई हैं. उसके बाद यहां पर 6 परिवारों को स्थाई रोजगार देने के बारे में कहा गया था, जबकि बाकी प्रभावित परिवारों के लिए भी 1,000 दिन का रोजगार देने की बात कही गई थी. एचपीपीसीएल प्रोजेक्ट को बने आज कई साल बीत गए, लेकिन प्रभावितों की मांग अभी तक पूरी नहीं हो पाई.

प्रभावित एवं विस्थापित कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार का कहना है कि प्रोजेक्ट प्रबंधन के द्वारा उन्हें जो रोजगार देने की बात भी कही गई थी वह बात भी आज तक अधर में लटकी हुई है. राजकुमार का कहना है कि इस बारे उन्होंने पहले भी जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वार्ता की है, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. ऐसे में एक बार फिर से प्रभावित हुए लोगों के साथ जो भी प्रबंधन के द्वारा वादे किए गए थे उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए. अगर कंपनी के द्वारा उनकी मांगों को नहीं माना गया तो उन्हें आगामी रणनीति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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