मंडीः सराज घाटी में दो दिवसीय फागली उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है. बुधवार को देवताओं के स्वर्ग प्रवास से लौटने पर असुर भी नाच उठे और पारंपरिक परिधानों और मुखौटे पहन सदियों पुरानी परंपरा निभाई. इस बार खास बात यह है कि फागली का नाच दो से तीन फीट बर्फ पर हुआ.
ठंड के बावजूद देवता के कारकूनों ने भगवान विष्णु को समर्पित फागली हर्षोल्लास के साथ मनाई. फागली उत्सव समुद्र तल से नौ हजार फीट की ऊंचाई पर रांगचा में भी शुरू हो गया है. 7 साल बाद फागली इस बार 3 से 4 फीट बर्फ में हो रही है. कल भगवान विष्णु नारायण देवता रांगचा आएंगे और बीठ के रूप में क्षेत्रवासियों को आशीर्वाद देंगे.
बर्फ के बीच फागुन संक्रांति को यहां फागली उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसमें देवता के कारकून पारंपरिक मडियाला नृत्य करते हैं. इस उत्सव का ग्रामीणों को बेसब्री से इंतजार रहता है. देवता के कारकून भूपेश ठाकुर ने कहा कि ये उत्सव भगवान विष्णु को समर्पित है और मान्यता के अनुसार इसमें देवता के अलग-अलग गण अलग-अलग रूपों में वस्त्र पहनकर एकसाथ झूमते हैं और लोगों को आशर्वाद देते हैं.