किन्नौर:जिला मुख्यालय रिकांगपिओ से डोर टू डोर उठाए जा रहे हजारों टन कूड़े को सतलुज नदी के किनारे डिस्पोस किया जा रहा (garbage disposed on the banks of Satluj) है. कूड़े को सतलुज नदी के किनारे जलाने के कारण रिकांगपिओ में वायु प्रदूषण हो रहा है. वहीं, सतलुज नदी का पानी दूषित हो रहा है, लेकिन किन्नौर प्रशासन इस मुद्दे पर बिलकुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
किन्नौर में NGT के आदेशों की अनदेखी, सतलुज नदी किनारे किया जा रहा कूड़ा डिस्पोज - Deputy Commissioner Kinnaur on garbage disposal
जिला मुख्यालय रिकांगपिओ से डोर टू डोर उठाए जा रहे हजारों टन कूड़े को सतलुज नदी के किनारे डिस्पोस किया जा रहा (garbage disposed on the banks of Satluj) है. कूड़े को सतलुज नदी के किनारे जलाने के कारण रिकांगपिओ में वायु प्रदूषण हो रहा है. वहीं, सतलुज नदी का पानी दूषित हो रहा है, लेकिन किन्नौर प्रशासन इस मुद्दे पर बिलकुल भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है. वहीं, डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि साडा क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन करने के लिए जल्द ही बड़ी व आधुनिक मशीन स्थापित की जाएगी.
बता दें, कूड़े को डिस्पोस करने के लिए पोवारी के पास करीब 89 लाख की लागत कूड़ा सयंत्र वर्ष 2014 में स्थापित किया था लेकिन आज तक यह कूड़ा सयंत्र पूरी तरह से सफेद हाथी बना हुआ है. ऐसे में रिकांगपिओ बाजार से निकलने वाला हजारों टन कूड़ा को सतलुज नदी में फैका जा रहा (Satluj river in Kinnaur) है. इस के अतिरिक्त कूड़ा को जलाया जा रहा है. कूड़ा जलाने से पूरे क्षेत्र वायु प्रदूषण के चपेट में आ रहा है.
गौर रहे कि एनजीटी के दिशानिर्देशानुसार वातावरण को प्रदूषित करने वाले कूड़े को न तो कहीं खुले में जलाया जा सकता (garbage disposal problem in kinnaur) है और न ही कूड़े को नदी नालो में फेंका जा सकता है. एनजीटी के निर्देशानुसार कूड़ा को वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन करने को कहा गया है, लेकिन किन्नौर प्रशासन उक्त आदेश को खुले आम नजर अंदाज कर कूड़ा को जला रहे हैं.
वहीं, इस बारे में डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि जिले के पोवारी समीप सतलुज नदी समीप कूड़ा जलाने की जनकारी प्राप्त हुई (DC Kinnaur on garbage disposal problem) है. ऐसे में प्रशासन द्वारा तुरंत अग्निशमन की वाहन भेज कर आग को बुझाया गया है. उन्होंने कहा कि साडा क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन करने के लिए जल्द ही बड़ी व आधुनिक मशीन स्थापित की जाएगी. उस के लिए स्थान का चयन जल्द किया जाएगा.
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