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कुल्लू में राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग पर लगी रोक, ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने पर लिया फैसला

जिला कुल्लू में मॉनसून की सीजन की वजह से राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर क्रॉसिंग, जिपलाइन और अन्य साहसिक गतिविधियों पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि ये फैसला ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने पर लिया गया है.

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Published : Jul 15, 2020, 2:15 PM IST

कुल्लू: कोरोना महामारी की वजह से जिला में पहले ही चार महीनों से साहसिक गतिविधियां बंद हैं. ऐसे में जिला पर्यटन विभाग ने मॉनसून को देखते कुल्लू में राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर क्रॉसिंग, जिपलाइन और अन्य साहसिक गतिविधियों पर 15 जुलाई से 15 सितंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है. आम लोगों के साथ पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए ब्यास की धारा में अठखेलियां करती रिवर राफ्टिंग व आसमान में उड़ते पैराग्लाइडिंग पर रोक लगाई है.

बता दें कि मानसून के पहुंचने से जिला की मुख्य ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर उफान पर है, जिससे रिवर राफ्टिंग नहीं हो सकती है. बबेली, बाशिंग, पिरड़ी, झिड़ी और रायसन रिवर राफ्टिंग प्वाइंटों में चार माह से सन्नाटा पसरा है.

जिला में बबेली, बाशिंग, पिरड़ी,रायसन और झीड़ी जैसे रिवर राफ्टिंग प्वाइंटों पर करीब 500 राफ्टों का संचालन होता है, जबकि लगभग 300 पैराग्लाडिंग उड़ान भरते हैं. इसके अलावा मनाली में जिपलाइन के जिला में रिवर क्रॉसिंग का भी आयोजन होता है और इन गतिविधियों में हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है.

जिला पर्यटन विभाग के अधीक्षक प्रताप चंद नेगी ने कहा कि हर साल की तरह बरसात को देखते हुए रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, जिपलाइन और रिवर क्रॉसिंग पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से अधिकारिक तौर पर साहसिक गतिविधियां 15 सितंबर तक बंद रहेंगी, क्योंकि उफनती ब्यास में पर्यटकों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जाएगा.

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