कुल्लू: जिला कुल्लू में रिकॉर्ड सेब उत्पादन के बीच बागवानों को उनकी मेहनत के अनुसार रेट नहीं मिल रहा है. कुल्लू में 25 अगस्त से सेब के तुड़ान ने एकाएक जोर पकड़ लिया है. लेकिन सेब के दामों में गिरावट के चलते बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
मंडियों में सेब का बंपर स्टॉक आने के साथ इसके दाम लगातार गिरते जा रहे है. 1 सप्ताह में ही ए-ग्रेड सेब में 10 रुपये तक की गिरावट दर्ज की है. लगातार गिरते रहे सेब के दाम से बागवान चिंतित हैं. पिछले हफ्ते कुल्लू की स्थानीय मंडियों में ए ग्रेड के सेब का दाम 40-45 रुपये प्रति किलो तक था. अब महज 30-35 रुपये तक पहुंच गया है.
जानकारों का मानना है कि अभी सेब के दामों में और भी गिरावट आएगी, क्योंकि सितंबर माह में बंपर सेब मंडियों में आएगा. घाटी के बागवानों का कहना है कि मंडियों में ए ग्रेड के सेब का रेट 40 रुपये से नीचे आ गया है. उन्होंने कहा कि जिले के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में सेब का रिकॉर्ड उत्पादन होने से दिल्ली के साथ स्थानीय मंडियों में भारी मात्रा में सेब पहुंच रहा है.
ये भी पढ़ें: लोगों के दिमाग से नहीं उतर रहा बच्चा चोरी की अफवाहों का 'भूत, भीड़ ने ट्रक ड्राइवर को पीटा
ज्यादातर बागवान लोकल मंडियों में ही सेब को लेकर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्टन के साथ-साथ जिले में 35 से 40 फीसदी बागवान अपने सेब को क्रेट में लेकर मंडियों में बेचने आते हैं. उन्हें सेब का रेट किलो के हिसाब से मिलता है. पिछले हफ्ते तक भुंतर और बंदरोल सब्जी मंडी में सेब का रेट 42 से 45 रुपये किलो बिक रहा था. लेकिन अब दाम गिरकर 33 से 35 रुपये रह गए हैं. ऐसे में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें: कुल्लू में तेज हुआ सेब का तुड़ान, बाहरी राज्यों के करीब 15 हजार मजदूरों को मिल रहा रोजगार
सेब तुड़ान के साथ गाड़ी के किराया में आधा से ज्यादा कमाई की जा रही है. एपीएमसी कुल्लू के सचिव सुशील गुलेरिया ने कहा कि जिले में सेब के भारी उत्पादन के साथ स्थानीय मंडियों में सेब अधिक मात्रा में पहुंच रहा है, जिससे रेट में गिरावट आ रही है.