लाहौल स्पीति: भारत व चीन की सीमा पर बढ़ रहे तनाव के बीच फिर से लाहौल स्पीति में हवाई अड्डा बनने की मांग उठी है. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के लोगों का कहना है कि जिस तरह से चीन सीमा पर सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है उसे देखते हुए सरकार को लाहौल स्पीति में हवाई अड्डा बनाना चाहिए.
वहीं, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से स्पीति के रंगरिक में हवाई अड्डा बनाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. उनका कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की अनुमति के बिना हवाई पट्टी का शिलान्यास किया था.
कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने कहा कि वह इस मामले को केंद्र सरकार से उठाकर जल्द इस प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी. वहीं, इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है. गौर रहे कि लाहौल स्पीति में हवाई पट्टी के बनने से सेना को पहुंचना काफी आसान होगा. वहीं, कई किलोमीटर का सफर भी कम हो जाएगा और सेना की रसद भी सही समय पर पहुंचेगी.
जिला लाहौल स्पीति के ग्रामीणों का भी कहना है कि सरकार को चीन के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर ध्यान देने की जरूरत है, इन परिस्थितियों में लाहौल की स्पीति घाटी में हवाई अड्डा बनाना सामरिक दृष्टि से अत्यंत आवश्यक हो गया है. वहीं लेह पहुंचने के लिए भी फिलहाल बारालाचा शिनकुला जैसे दर्रों को पार करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि 18 जुलाई 2015 को सांसद रामस्वरूप स्पीति के गांव में केंद्रीय गृह मंत्री किरण रिजिजू के साथ आए थे. उस समय सांसद ने यहां हवाई अड्डा बनाने की पैरवी की थी.
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