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कोरोना का कहर! आनी में 15 छात्रों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

हिमाचल प्रदेश में सरकार ने बैठक में अब स्कूलों को 22 अगस्त तक बंद करने का निर्णय लिया है, लेकिन बीते दिनों स्कूल छात्रों के लिए खोल दिए गए थे. छात्रों के लिए स्कूल खोले जाने के बाद से ही प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई और कोरोना संक्रमण की चपेट में छात्र भी आए हैं. आनी उपमंडल में 2 स्कूलों में ही 15 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

15 student found corona positive in anni
आनी में 15 छात्र कोरोना पॉजिटिव

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Published : Aug 12, 2021, 1:00 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल आनी में भी जैसे ही छात्रों के लिए स्कूल खोले गए तो छात्रों ने भी स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, लेकिन सेहत के लिहाज से सरकार का ये फैसला बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हुआ. आनी उपमंडल में 2 स्कूलों में ही 15 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अब स्वास्थ्य विभाग छात्रों के संपर्क में आए लोगों के भी टेस्ट लेने में जुटी हुई है ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

बीते दिनों में सीनियर सेकेंडरी स्कूल चवाई (Senior Secondary School Chowai) में 3 छात्र कोरोना संक्रमण की चपेट में आए थे. उसके बाद सीनियर सेकेंडरी स्कूल समेज में भी 2 छात्र कोरोना वायरस का शिकार हुए थे. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इन स्कूलों में पढ़ रहे 80 छात्रों के कोरोना टेस्ट लिए थे और अब सीनियर सेकेंडरी स्कूल समेज में ही 10 और छात्र करोना संक्रमण की चपेट में आए हैं. हालांकि प्रदेश सरकार ने अब स्कूलों को 22 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है कि छात्र किस-किस के संपर्क में आए होंगे और यह संक्रमण किन-किन तक फैला होगा.

जिला प्रशासन ने भी स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश जारी किए हैं कि अन्य छात्रों के सैंपल लें ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग (DC Kullu Ashutosh Garg) का कहना है कि आनी उपमंडल में ही 15 छात्र कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं. फिलहाल उनके संपर्क में आए लोगों के कोरोना के टेस्ट लिए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है.

वहीं, कुल्लू के रहने वाले स्थानीय निवासी अंशुल पराशर का कहना है कि छोटे बच्चे कोविड-19 के नियमों का पालन स्कूलों में नहीं कर पाते हैं और कोरोना संक्रमण छोटे बच्चों के लिए काफी खतरनाक है. ऐसे में जब तक सरकार के द्वारा बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन नहीं किया जाता है, तब तक उन्हें स्कूलों में ना बुलाया जाए. अगर छात्रों को स्कूल बुलाना जरूरी है तो उन्हें शिफ्ट में बुलाया जाए ताकि स्कूलों में भीड़ ना बढ़े.

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