हमीरपुर:वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून हिमाचल प्रदेश की धौलाधार सेंक्चुरी (Dhauladhar Sanctuary himachal) में अब वन्य प्राणियों पर शोध करेगा. यह शोध वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट इंडिया के ट्रैप कैमरों में कैद हिमालयन रीजन की दुर्लभ वन्य प्रजातियों पर भी होगा. कैमरा ट्रैप के जरिए बेसलाइन सर्वे (baseline survey in dhauladhar Sanctuary) में इस कार्य को किया गया है. इस बेसलाइन सर्वे में बेहद ही कम संख्या में पाए जाने वाले भूरा भालू, लाल लोमड़ी, थार और घोरल धौलाधार सेंक्चुरी एरिया में पाए गए हैं.
अब बेसलाइन सर्वे के बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया यह भी पता लगाएगा की वन्य प्राणियों की कितनी संख्या है. 5 महीनों में अभी तक ट्रैप कैमरा से आधे से अधिक सर्वे एरिया को कवर कर लिया गया है. बर्फबारी की वजह से अब यह कार्य रुक गया है, लेकिन आगामी दिनों में इसे पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा. इस सर्वे से यह पता चल पाएगा कि इन वन्य प्राणियों की कितनी संख्या है, कितनी संख्या में यह बढ़ रहे हैं अथवा कम हो रहे हैं. इस सर्वे के आधार पर ही इन वन्य प्राणियों के संरक्षण संवर्धन के लिए विभाग और सरकार की तरफ से आगामी निर्णय लिए जाते हैं.
डीएफओ हमीरपुर राहुल एम रोहणे. यह दुर्लभ प्रजातियां ट्रैप कैमरा में हुई है कैद- जानकारी के मुताबिक जो ट्रैप कैमरे लगाए थे, उनमें भूरा भालू, लाल लोमड़ी, थार और घोरल, मोनाल और लेपर्ड कैट, लेपर्ड कैप्चर हुए हैं. गौरतलब है कि सभी जानवर हिमालयन क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में ही पाए जाते हैं. धौलाधार सेंक्चुरी में इनका होना वन्य जीवन के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. इससे इन जानवरों का संरक्षण कर इनकी संख्या बढ़ाने का कार्य भी आगामी दिनों में किया जाना संभव है.
सेंक्चुरी में विभिन्न जगहों पर लगाए गए थे ट्रैप कैमरा-देहरादून की टीम ने जुलाई में 982 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जानवरों की गणना करने का अभियान शुरू किया था. इसके तहत शानाल, भंगाल, थमरसर और लोलर क्षेत्र में लगभग 40 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. फिलहाल बर्फबारी के कारण यह कार्य कुछ समय के लिए रुक गया है, लेकिन जल्द ही बर्फ हटने के बाद यह कार्य फिर शुरू होगा. गणना के बाद इनका विश्लेषण किया जाएगा.
वन्य जीव विभाग हमीरपुर के डीएफओ राहुल एम रोहणे ने बताया कि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून तथा वाइल्ड लाइफ डिवीजन हमीरपुर की टीम ने मिलकर इस कार्य को किया है. उन्होंने कहा कि धौलाधार में विलुप्त हो रही वन्य जीवों प्रजातियों की तस्वीरें कैद की हैं. इनमें भूरा भालू, लाल लोमड़ी शामिल हैं. बीते साल सितंबर में टीम यहां आई थी. उसी दौरान इन प्रजातियों का पता चला है. शोध में दुर्लभ प्रजातियां की संख्या का पता लगाने के साथ ही बदलाव की भी समीक्षा की जाएगी. इस शोध के बाद अन्य कई तरह के कार्य करने में विभाग और सरकार को कार्य करने में मदद मिलेगी.
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