शिमला: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना आपदा से देशवासियों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से जरूरतमंदों की सहायता पर जानकारी दी. वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि पैकेज के तहत अभी तक 42 करोड़ जरूरतमंदों को 68,058 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सभी देश युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. हमारा देश भी इस से अछूता नहीं है, जिसे देखते हुए देश की मोदी सरकार अपने नागरिकों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी संभव उपाय कर रही है.
कोरोना संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत गरीबों, मज़दूरों, किसानों, विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है. पूरे देश में अब तक 42 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को 68,058 करोड़ रुपये से ज्यादा की आर्थिक सहायता दी गई है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि पीएम किसान योजना के आठ करोड़ 94 लाख से भी ज्यादा लाभार्थियों को 17,891 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी गई है. पीएम जनधन योजना 20 करोड़ 65 लाख से ज्यादा महिला खाताधारकों के बैंक खातों में 10325 करोड़ से ज्यादा की पहली किश्त, 20 करोड़ 63 लाख महिलाओं को 10,315 करोड़ की दूसरी किश्त, 20 करोड़ 62 लाख महिलाओं को 10,312 करोड़ रुपए की तीसरी किश्त केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफ़र कर दी गई है.
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 2 करोड़ 81 लाख अधिक वृद्धों ,विधवाओं और दिव्याँगों को लगभग 2,814.5 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन फंड के एक करोड़ 82 लाख से अधिक लाभार्थियों को 4,970 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद केंद्र सरकार द्वारा की गई है. ईपीएफ़ओ के 25.84 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 7,092 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ट्रांसफर कर दी गई है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले तीन महीनों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को 12.17 करोड़ गैस सिलेंडर मुफ्त उलपब्ध कराए गए हैं. इस आपदा के दौरान लोगों को खाद्यान की कमी न हो इसलिए पिछले तीन महीनों में 187.48 लाख मिट्रिक टन अनाज और 5.83 लाख मीट्रिक टन दालें जरूरतमंदों को उपलब्ध करवाई गई हैं. स्वास्थ्य क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए 15000 करोड़ रुपये अलग से दिए गए हैं.
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