हमीरपुर: वैश्विक महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन में एक तरफ जहां उद्योग-धंधे प्रभावित हुए हैं तो वहीं धार्मिक संस्थानों का राजस्व भी कम हुआ है. सभी धार्मिक संस्थान बंद हैं. मंदिर में आय का मुख्य साधन चढ़ावा होता है लेकिन लॉकडाउन की वजह से श्रद्धालु भी मंदिरों में नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उनके राजस्व भी काफी कमी आई है.
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध को उत्तरी भारत का सबसे बड़ा सिद्ध पीठ माना जाता है. बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध ट्रस्ट की सालाना आमदनी 30 करोड़ के लगभग है, लेकिन इस साल अप्रैल महीने तक सिर्फ पांच करोड़ की ही आमदनी हुई है.
मंदिर के चढ़ावे में आई गिरावट
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के अधिकारी ओपी लखन पाल का कहना है कि पिछले साल मेलों के दौरान नौ करोड़ से अधिक चढ़ावा चढ़ा था, लेकिन इस बार यह चढ़ावा 1 महीने में महज 2 करोड़ रुपए है. पिछले साल कुल 30 करोड़ के लगभग चढ़ावा मंदिर में चढ़ा था.
एक महीने में चढ़ चुका है नौ करोड़ का चढ़ावा
अप्रैल के आंकड़ों की बात की जाए तो पिछले साल अप्रैल तक 11 करोड़ के लगभग चढ़ावा चढ़ा चुका था, लेकिन इस बार चढ़ावे में भारी गिरावट आई है और सिर्फ पांच करोड़ चढ़ावा अप्रैल महीने तक मंदिरों में चढ़ा है. चैत्र मास मेलों की बात की जाए तो पिछली बार मंदिर में 9 करोड़ से अधिक का चढ़ावा 1 महीने में श्रद्धालुओं ने चढ़ाया था.