हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

भोरंज में बढ़ी लाल आलू की मांग, शुगर फ्री होने के साथ-साथ अधिक गुणवत्ता वाला है ये आलू - शुगर फ्री लाल आलू

भोरंज में इन दिनों लाल आलू की काफी मांग बढ़ती जा रही है. शुगर फ्री होने के साथ- साथ इसमें कई तरह के गुणवता के होने पर लोग इसे काफी पसंद कर रहे है.

Increased demand for sugar free red potatoes in Bhoranj
भोरंज में लाल आलू की बढ़ी मांग

By

Published : Jun 27, 2020, 1:18 PM IST

भोरंज/हमीरपुर:जिला के उपमण्डल भोरंज में इन दिनों लाल आलू की बाजार में काफी मांग बढ़ रही है. शुगर फ्री होने के साथ-साथ गुणवत्ता से भरपूर ये आलू बाहरी राज्यों से हिमाचल पहुंच रहा है. जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

हालांकि कुछ सब्जी विक्रेता इसे लाहौली और पहाड़ी आलू कहकर भी बेच रहे हैं. जिससे क्षेत्र में इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है. भोरंज के भरेड़ी, खड्ड बाजार, नगरोटा, जाहू की कई मार्केट में लाल आलू ने आते ही अपनी चमक बिखेरनी शुरू कर दी है.

लाल रंग के आलू के आगे खाकी रंग के आलू की चमक भी फीकी पड़नी शुरू हो गई है. लाल आलू देखने में भी अच्छा है और गुणवत्ता से भरपूर होने के साथ खाने में भी स्वादिष्ट है.

लोगों का कहना कि आजकल 20 से 25 रुपये प्रति किलो सादा आलू मिल रहा है. वहीं, 25 से 30 रुपये किलो लाल रंग का आलू मिल रहा है जो खाने में स्वादिष्ट है और गुणों से भरपूर है.

लाल आलू की खासबात ये है कि इस आलू को ज्यादा दिनों तक रखा जा सकता है. आलू को बेचने में भी परेशानी नहीं होती है. इस लिए भोरंज क्षेत्र के दुकानदार भी इसे ही बेचना चाहते हैं.

लाल आलू की खेती का इतिहास 50 से 60 साल पुराना है. इसकी अधिक मांग बढ़ने पर किसानों ने लाल आलू की नई किस्म के बीजों की मांग की. नए बीजों से उगाया गया लाल आलू पूरे क्षेत्र में छा गया. बता दें कि लाल आलू की मुख्य किस्में सिंदूरी सी-40, कुंदन, हॉलैंड रेड हैं.

लाल आलू की गुणवत्ता

लाल आलू की खास बात ये है कि खुले में आलू सड़ता नहीं है. साथ ही पूरी तरह से शुगर फ्री है, कार्बोहाइड्रेट, कम जगह में कम लागत में पैदावार और बाजारों में इसकी बहुत अच्छी कीमत मिलती है. ये आलू शुगर में नहीं बदलता, जिससे लाल आलू मीठा नहीं होता है.

ये भी पढ़ें:सिरमौर में जनहित को देखते हुए वाहनों की पासिंग शुरू, सरकार ने 30 सितंबर तक दी छूट

ABOUT THE AUTHOR

...view details