सुजानपुर/ हमीरपुर:कोरोना महामारी के कारण घोषित हुए लॉकडाउन की वजह से गर्भवती महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा था, क्योंकि इस दौरान गर्भवती महिलाओं के टेस्ट और अल्ट्रासाउंड नहीं हुए थे. वहीं, अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इस अवधी में गर्भवती महिलाओं को कोई दिक्कतें नहीं आई हैं. इसके अलावा इसी मियाद में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में 1 हजार 838 बच्चों ने जन्म लिया है, जबकि बड़सर के सिविल अस्पताल में 32 बच्चों की किलकारियां गुंजी हैं.
गर्भवती महिला दीक्षा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनके टेस्ट और अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाए थे, जिससे उन्हें समस्या आई थी. हालांकि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने से अब सरकारी अस्पताल में टेस्ट और अल्ट्रासाउंड होना शुरू हो गए हैं.
वहीं, हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में भी लॉकडाउन से लेकर अब तक 1838 बच्चों की किलकारियां गूंज चुकी हैं, जिसमें से 421 नॉर्मल डिलीवरी हुई हैं, जबकि 1 हजार 417 बच्चों का जन्म ऑपरेशन से हुआ है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना महामारी से बचाने के लिए जच्चा और बच्चा को लेकर पूरी ऐहतियात बरती थी.
बड़सर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ राकेश ठाकुर ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान बड़सर अस्पताल में 32 बच्चों ने जन्म लिया है. उन्होंने कहा कि बड़सर अस्पताल में केवल नॉर्मल डिलीवरी ही करवाई जाती है, जबकि सीरियस और सिजेरियन डिलीवरी वाली गर्भवती महिलाओं को हमीरपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है, क्योंकि बड़सर अस्पताल में गायनी स्पेश्लिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है.