हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले हमीरपुर जिले के सबसे हॉट सीट सुजानपुर में टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी बैठकों का दौर जारी है. दो बार के मुख्यमंत्री और पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में ताकतवर मंत्री अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल इस समय हिमाचल के राजनीतिक गलियारों में जिज्ञासा का केंद्र बने हैं. सवाल उनके चुनाव लड़ने को लेकर है. यदि सुजानपुर में भाजपा को प्रेम कुमार धूमल के नाम का सहारा नहीं लेना है तो चुनावी मैदान में यहां से कौन उतरेगा? क्या सुजानपुर में राजेंद्र कांग्रेस से छिटककर भाजपा के राणा बनेंगे? क्या सचमुच राजेंद्र राणा को अपने पाले में खींचने के लिए भाजपा का एक खेमा जोर लगा रहा है?
कभी हिमाचल की सियासत को अपने प्रभाव से बदलने वाले प्रेम कुमार धूमल बेशक अब उतने प्रदेश राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनकी अनदेखी कोई नहीं कर सकता. इंदु गोस्वामी सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur Assembly Constituency) के महिला सम्मेलन में आई थी तो कहा था कि चुनाव लड़ने की तैयारी करें, धूमल साहब मैदान में दिखेंगे. लेकिन पार्टी के मुखिया जेपी नड्डा की राय कुछ और ही है. प्रेम कुमार धूमल के पास न तो शब्दों की कमी है और न ही तर्क तथा सियासी धैर्य की. वे संक्षेप में अपनी बात कहते हैं और कई बार सवाल उठाने वालों को ला-जवाब भी कर देते हैं. आइए, देखते हैं कि समीकरण क्या हैं?
सुनाजनपुर विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण: साल 2017 के विधानसभा चुनावों के नतीजों के वक्त बड़े हिमाचल प्रदेश में सियासी फेरबदल का गवाह बनी सुजानपुर सीट पर राजनीतिक समीकरण उलझे हुए हैं. सुजानपुर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चुनाव लड़ने को लेकर भी संशय बरकरार है. ऐसे में सियासी गलियारों में यह सवाल भी खूब चर्चा पकड़ रहा है कि अगर सुजानपुर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भाजपा के प्रत्याशी नहीं होंगे तो फिर कौन? चुनावी दृष्टि से यहां पर भाजपा के लिए विकल्पों का सूखा ही है. (Former Himachal Chief Minister Prem Kumar Dhumal)
बीजेपी में टिकट आंवटन को लेकर मंथन: दो बार के मुख्यमंत्री रहे धूमल के चुनाव लड़ने के सवाल और इसका जवाब प्रदेश की राजनीति को प्रभावित करने वाला है. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से तो चुनाव लड़ने को लेकर अक्सर सवाल पूछे जाते रहे हैं और उन्होंने सधे हुए राजनेता के नाते एक कर्मठ कार्यकर्ता होने का प्रमाण अपने जवाब में दिया है. वह चुनाव लड़ने के निर्णय को हाईकमान का अधिकार क्षेत्र बताते हैं. हाईकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल के दौरे पर तो हैं, लेकिन टिकट आवंटन के सवालों पर वह भी ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं. सुजानपुर सीट पर सस्पेंस में लगातार बना हुआ है, लेकिन भाजपा के पास यहां पर धूमल के अलावा चुनावी दृष्टि से कोई विकल्प भी नहीं है.