हमीरपुर:विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) के लिए तारीख का ऐलान हो गया है. वहीं, हमीरपुर जिले में सियासी समीकरण उलझे हुए हैं. 5 विधानसभा क्षेत्र वाले इस जिले में अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि सियासी मैदान में कौन किससे भिड़ेगा. यहां पर तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के प्रत्याशी तो तय है, लेकिन भाजपा असमंजस की स्थिति में है. कांग्रेस के बड़सर, सुजानपुर और नादौन विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी लगभग तय है, लेकिन भाजपा इन विधानसभा क्षेत्रों में भी खासी उलझन में है. यही वजह है कि अभी तक हमीरपुर जिले के एक भी विधानसभा क्षेत्र में यह तय नहीं हो पाया है कि कौन सियासी धुरंधर किसके खिलाफ मैदान में होगा.
हमीरपुर और भोरंज विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर वर्तमान विधायक भाजपा के हैं लेकिन टिकट को लेकर यहां भी बीजेपी किस प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी यह तय नहीं है. भाजपा जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में किन प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है जबकि कांग्रेस 2 विधानसभा क्षेत्रों में असमंजस की स्थिति में हैं. ईटीवी भारत इस विशेष रिपोर्ट में हमीरपुर जिला की पांचों विधानसभा क्षेत्रों के वर्तमान राजनीतिक समीकरणों की समीक्षा करेगा.(Ground Report of Hamirpur District)
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में दोनों ही दलों के नेताओं में टिकट की लड़ाई भारी: हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर ठाकुर जगदेव चंद के पुत्र नरेंद्र ठाकुर भाजपा टिकट पर विधायक हैं. कुछ समय पहले ही नरेंद्र ठाकुर की भाभी पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं. यहां पर भाजपा के टिकट बदलने के कयास भी लगातार लगाए जाते रहे हैं. संगठन की दृष्टि से यहां पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक नवीन शर्मा का नाम भी आगे चल रहा है. (Hamirpur Assembly Constituency)
वहीं, भाजपा से ही ताल्लुक रखने वाले प्रदेश गौ सेवा आयोग के सदस्य आशीष शर्मा भी आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. कांग्रेस की बात करें तो यहां पर कांग्रेस के लिए भी स्थिति अनुकूल नहीं है. कांग्रेस के लिए भी भाजपा की तरह ही पार्टी टिकट के लिए एक नहीं बल्कि कई नेता मैदान में है. पूर्व विधायक अनीता वर्मा , कुलदीप पठानिया अनुभवी चेहरे हैं जो कि कांग्रेस पार्टी के टिकट की दौड़ में हैं. यहां पर हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील शर्मा बिट्टू इस रेस में बताए जा रहे हैं. वहीं, युवा चेहरों में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और एडवोकेट रोहित शर्मा का नाम भी दौड़ में हैं. यदि आजाद प्रत्याशी यहां मैदान में उतरते हैं तो दोनों ही दलों के लिए चुनौती है.
भोरंज में भाजपा कांग्रेस दोनों ही असमंजस में, दोनों के लिए स्थिति एक जैसी: भोरंज विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj Assembly Constituency) की बात करें तो यहां पर वर्तमान भाजपा विधायक कमलेश कुमारी हैं. यहां पर कमलेश कुमारी की राह में भाजपा से ही ताल्लुक रखने वाले पूर्व विधायक अनिल धीमान चुनौती बने हुए हैं. दिवंगत भाजपा नेता आईडी धीमान यहां से 6 बार विधायक रहे हैं और उनके बाद उपचुनाव में उनके बेटे अनिल धीमान भी विधायक चुने गए थे. 2017 के चुनावों में कमलेश कुमारी को भाजपा ने टिकट थमाया और अब वह विधायक हैं. टिकट कटने की वजह से अनिल धीमान भाजपा से बागी चल रहे हैं और वहां चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हैं. चाहे टिकट पार्टी से मिले या नहीं. (BJP Bhoranj MLA Kamlesh Kumari)
इस सीट पर भाजपा का लगभग 32 वर्षों से एक छत्र राज है. कांग्रेस के भी यहां पर 3 प्रत्याशी पार्टी टिकट के लिए सियासी मैदान में हैं. हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी सुरेश कुमार और हिमाचल कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेम कौशल के साथ ही डॉक्टर रमेश डोगरा भी पार्टी टिकट के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. कुल मिलाकर यहां पर कांग्रेस और भाजपा के लिए एक जैसी स्थिति है दोनों ही दलों में एक से अधिक नेता टिकट की दौड़ में है और गुटबाजी भी यहां पर हावी है. यहां पर भाजपा के लिए बगावत बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.