भोरंज/हमीरपुरः मलेशिया का ग्रामीण खेल सेपक टकरा हिमाचल प्रदेश के गांवों में दस्तक देने लगा है. ग्रामीण इलाकों के खिलाड़ी भी सेपक टकरा खेल को प्राथमिकता देने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश सेपक टकरा अकादमी में पहली बार प्रदेश के करीब तीन सौ खिलाड़ियों ने पंजीकरण करवाया है और प्रशिक्षण ले रहे हैं.
भारतीय खेल मंत्रालय की ओर से सेपक टाकरा खेल को सरकारी नौकरी की पात्रता में शामिल कर खिलाड़ियों को उपहार दिया है. इससे हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियों में सेपक टाकरा खेल की ओर रूझान बढ़ा है. खिलाड़ियों की मांग पर सेपक टाकरा की खेल अकादमी मंडी जिला के कंसा चौक में खोली गई है.
इसमें प्रदेश के सब जूनियर, जूनियर व सीनियर वर्ग के करीब तीन सौ खिलाड़ियों ने पहली बार पंजीकरण करवाया है. खिलाड़ियों को हर रोज सुबह दो घंटे निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
हिमाचल में 1992 से खेला जा रहा सेपक टाकरा
सेपक टाकरा खेल का मैदान वालीबॉल व बैडमिंटन के खेल के मैदान की भांति 20 गुणा 40 मीटर और पोल की ऊंचाई पांच फीट होती है. हिमाचल में सेपक टाकरा खेल वैसे तो 1992 से शुरु हो गया है लेकिन अब यह खेल ग्रामीण आंचल के खिलाड़ियों में तेजी से लोकप्रिय होने लगा है.
हिमाचल प्रदेश सेपक टाकरा संघ प्रदेश में खिलाड़ियों तक इस खेल को पहुंचाने के लिए फेडरेशन कप, जूनियर नेशनल मंडी में करवा चुका है, लेकिन इसके परिणाम साकारात्मक नहीं मिले हैं. हिमाचल प्रदेश की टीम 2018 से राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन रही है. फिर भी हिमाचल प्रदेश को परिणाम उचित नहीं मिले हैं.
मलेशिया से आती है सेपक टकरा की बॉल