हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर के गार्बेज ट्रीटमेंट प्लांट दगनेहड़ी में कचरे का निस्तारण (Garbage Treatment Plant in hamirpur) नियमों के अनुसार न होने पर एनजीटी ने कड़ा संज्ञान लिया है. पिछले 4 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले में सुनवाई के बाद एनजीटी ने निर्देशों के बावजूद सुधार न होने पर तल्ख टिप्पणी की है.
सुनवाई के बाद जारी आदेशों के मुताबिक एनजीटी ने कड़े शब्दों में कहा है कि यदि निर्धारित समय में कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए सुधार नहीं होता है और अधिकारी अगली सुनवाई में उपस्थित नहीं रहते हैं तो क्यों न उनके वेतन को रोका जाए और उन्हें सिविल कारावास की सजा भी दी जाए.
शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को हाल ही में आयोजित ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन वह गैरहाजिर रहे. जिसके बाद अब एनजीटी ने सीधे तौर पर हिमाचल के चीफ सेक्रेटरी से अगली बैठक में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. एनजीटी प्रिंसिपल बेंच न्यू दिल्ली के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल, न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल, विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल और डॉक्टर अफरोज अहमद इस सुनवाई में मौजूद रहे हैं.
इस मामले में शिकायतकर्ता रीता शास्त्री एवं ग्रमीणों की तरफ से अधिवक्ता तुषार गिरी एनजीटी के समक्ष अपना पक्ष रखा है. विभाग की तरफ से नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर इस सुनवाई में मौजूद रहे जबकि शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव निर्देशों के बावजूद सुनवाई से गैरहाजिर रहे. जिसके बाद अब 5 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही आगामी सुनवाई तय की गई है और इसमें हर हाल में अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए गए हैं.